डिमक-डिमक डिम डमरू बजावै...शिव भजन
शिवांशी शंकर ,रामबाग मुजफ्फरपुर (बिहार) से एक शिव भजन सुना रही हैं:
डिमक-डिमक डिम डमरू बजावै-
उमा संग शिव कैलाश पर नाचे-
ऊं नम: शिवाय...
जटाजूट में गंग विराजे-
गले भुजंग की माला साजे-
एक हाथ में शूल लिये हो-
दूजे कर में डमरूधारी-
ऊं नम: शिवाय...
पतितों के पावन करते हो-
सुख देकर दु:ख को हरते हो-
शरणागत हूं मैं आज त्रिपुरारी-
सदा रहो मेरे डमरूधारी-
ऊं नम: शिवाय...