एक-दुइ-तीन-चार-पांच- पंद्रह, पूर कला उड़ा गला राम चंदरा...ओडिया विस्थापन गीत
बलांगीर ओड़िसा से सौदामणि साहू ओड़िया में एक गीत गा रही हैं. गीत के माध्यम से बताया जा रहा है कि हीराकुंड बाँध से विस्थापित हुए बहुत से लोगों को अभी तक कोई भी मुवावजा नहीं मिला है-
एक-दुइ-तीन-चार-पांच- पंद्रह-
पूर कला उड़ा गला राम चंदरा-
कवजर पैसा बहु, पूर कला उड़ा गला-
महानो दिर्खोनी पीला रे-
मैतोमहानो दिर्खोनी पीला रे-
गाँव घोड़ी देबर मोहन तसिला, गाँव जूडी गला-
कीये नदी के बंधो बांधी लाजे, गाँव जूडी गला – एक दोही तीन चार..........