स्वास्थ्य स्वर : बवासीर का घरेलू नुस्खा -
भोरमदेव वनांचल, ग्राम-रौचंद, विकासखण्ड-बोडला, जिला-कबीरधाम (छत्तीसगढ़) से वैद्य अमित साहू आज हमें बवासीर रोग से बचने का एक घरेलू नुस्खा बता रहे हैं, वे कह रहे हैं कि यदि किसी को बबासीर हो और उसमे रक्त बहता हो, तो एक पाव चने को हल्का भूनकर चूर्ण बना ले, उसके बाद उसमे काला नमक मिला लें और करंज के 3 ग्राम पत्ते को घी में भून लें, जब पत्ते अच्छे से सूख जाए तो उसमे तीन चम्मच चने का चूर्ण मिलाकर सुबह खाली पेट सेवन करे, इससे पेट साफ़ हो सकता है और बबासीर की समस्या में आराम मिल सकता है, अधिक जानकारी के लिए दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं : अमित साहू@8964931287.
Posted on: Sep 30, 2018. Tags: AMIT SAHU BODLA CG HEALTH KABIRDHAM PILES SONG SWASTHYA SWARA VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर : गूंजा या रत्ती के पौधे का औषधीय गुण और प्रयोग-
जिला-टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से वैद्य राघवेन्द्र सिंह राय गुंजा या रत्ती के औषधीय गुणो और उसके उपयोग के बारे में बता रहे हैं, गुंजा के पत्तो और मिश्री को एक साथ चबाकर-चबाकर चूसने से कंठ विकार अर्थात गले की बीमारी में लाभ मिल सकता है,
दूसरा : दांत में कीड़े होने पर गुंजा के जड़ का दातुन के रूप में प्रयोग कर सकते हैं, इसके रस से दांत के कीड़े नष्ट हो सकते हैं, अधिक जानकारी के लिए दिए गए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं : राघवेन्द्र सिंह राय@9424759941.
Posted on: Sep 27, 2018. Tags: HEALTH MP RAGHWENDRA SINGH RAI SONG SWARA SWASTHYA TIKAMGARH VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर : नागरमोथा घास के औषधीय गुण और प्रयोग-
जिला-टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) से वैद्य राघवेन्द्र सिंह राय नागरमोथा घास के औषधीय गुण को बता रहे हैं, नागर मोथा को गोंदला की जड़ के नाम से भी जाना जाता है, उसके जड़ का उपयोग सिर के बालो को धोने के लिए किया जाता है,
दूसरा: नागरमोथा को तीली के तेल में पकाकर, भृंगराज या घमरा चारा और अवाले के चूर्ण को मिलाकर बालो में लगाने से बाल संबंधी विकार दूर हो सकता है, केवल तीली के तेल में पकाकर भी बाल संबंधी समस्या में उपयोग कर सकते हैं,
तीसरा: घाव हो जाने पर नागरमोथा के जड़ को देशी घी में घिस कर उस स्थान पर लगाने से घाव ठीक हो सकता है : राघवेन्द्र सिंह राय@9424759941.
Posted on: Sep 27, 2018. Tags: HEALTH MP RAGHWENDRA SINGH RAI SONG SWARA SWASTHYA TIKAMGARH VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर : नीम की पत्तियों के औषधीय गुण और प्रयोग-
ग्राम-सेतगंगा, जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से वैद्य रमाकांत सोनी नीम के औषधीय गुण और उपयोग को बता रहे हैं, नीम मनुष्य के शरीर में उत्पन्न होने वाली अनेक बीमारियो मे लाभकारी होता है, चर्मरोग में बिस्तर पर नीम की पत्तियां बिछाकर सोने, पत्तियों को पानी में उबालकर नहाने, सुबह पत्तियों का 10 ग्राम रस पीने से लाभ हो सकता है, सांथ ही नीम के तेल या रस से शरीर का मालिस भी कर सकते हैं, नीम के 8 से 10 पत्तो को दही में पीसकर लेप करने से शरीर का दाग मिट सकता है, इसका रस खून साफ करने और बढाने में मदद करता है, इसलिए नीम का 5 से 10 ग्राम रस प्रतिदिन सेवन कर सकते हैं : रमाकांत सोनी@9424167683.
Posted on: Sep 26, 2018. Tags: CG HEALTH MUNGELI RAMAKANT SONI SONG SWASTHYA SWARA VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर : स्मरण शक्ति बढ़ाने का घरेलू उपचार-
ग्राम-रहेंगी, तहसील-लोरमी, जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से वैद्य चंद्रकांत शर्मा स्मरण शक्ति बढ़ाने का घरेलू उपचार बता रहे हैं, एक चम्मच गेंदे के बीज और उतना ही मिश्री एक कप दूध के साथ सुबह-शाम प्रतिदिन कुछ हफ्ते सेवन करें, इससे लाभ मिल सकता है, गेंदे के बीज को सुखाकर रख सकते है, ये कही भी मिल जाता है, लोग इसे घरो में लगाते है, अधिक जानकारी के लिए दिए गए नंबरो पर संपर्क कर सकते हैं: चंद्रकांत शर्मा@9893327457.