वनांचल स्वर: फसल काटने के बाद देवी-देवताओं की पूजा होती है...
ग्राम-धनेली कन्हार, तहसील- कोरर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से समधार नरेटी (ग्राम पटेल) बता रहे हैं कि गांवों में देवी-देवता की पूजा कैसे होती है और उसका जंगल से क्या रिश्ता है। नई फसल की आने के बाद देवी-देवताओं की पूजा होती है। विधिवत ढंग से पूजा करने के बाद वह लोग खाना खाते हैं। पूजा के लिए वह चावल, चीनी और दूध की खीर पकाकर भगवान को चढ़ाते हैं। सभी लोग एक साथ मिलकर त्यौहार मनाते हैं।
Posted on: Dec 15, 2021. Tags: CG KANKER SAMDHAR NARETI VANANCHAL SWARA
वनांचल स्वर: पहाड़ो पर स्थित किले और वन संपदा...
ग्राम-हिंदुबिना पाल, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) शेर सिंह आँचला जी अन्तगढ़ विकास खंड के अंतर्गत कोटगुमल नामक जगह है जहां से तीन पहाड़ियों के तिल दिखाई पड़ता है। जिसके पठार पर पहले अच्छे किले थे, हज़ारो साल पहले राजाओं का वास रहा है। सुरक्षा की दृष्टि से बढ़िया जगह थी वो आज उसे हिंदुबिनापाल कहा जाता है लेकिन पहले उसे गढ़बिनापाल से जाना जाता था। वहां पर हमने काफी अवशेष ढूंढे थे, वो जगह ऊँचाई पर स्थित है, देव स्थल भी हैं। गाओं वाले चाहते है वो जगह सुरक्षित रहे, पेड़ो की कटाई बन्द है। बाहरी लोग लालच में आकर पेड़ो की कटाई कर रहे हैं। खनिज संपदा को निकालने के कारण यह सब हो रहा है। इन सभी की सुरक्षा जरूरी है, आने वाली पीढ़ियों के लिए। ये सभी बहुमूल्य संपत्ति है। साल का बीज अभी भी पहाड़ पर है, वैन समितियों को बीज संरक्षण करने की जरूरत है। (MS)
Posted on: Oct 21, 2021. Tags: CG KANKER SHERSINGH ACHALA VANANCHAL SWARA
वनांचल स्वर : कहुवा के छाल की उपयोगिता...
हेटारकसा, जिला-बस्तर, (छत्तीसगढ़) से निवासी बीरसिंह पटेल बता रहे हैं, कहुवा के छाल की उपयोगिता बता रहे हैं, इसे अर्जुन छाल के नाम से भी जाना जाता है| बीरसिंह कई तरह के औषधि बनाते है और ईलाज करते हैं|
Posted on: Oct 06, 2021. Tags: BASTAR BIRSINGH PATEL CG VANANCHAL SWARA
स्वास्थ्य स्वर : बीमारी के वक्त लोगों को परहेज करने की आवश्यकता होती है...
छोटे डोंगर, नारायणपुर (छत्तीसगढ़) से वैद्य एच डी गांधी गांव के वैद्य हेमचंद मांझी से चर्चा कर रहे हैं| वे बता रहे हैं कि उनके पास कैंसर, दमा, मिरगी बीमारी से पीड़ित लोग आते हैं| वे बता रहे हैं| जो व्यक्ति केंसर से पीड़ित हैं| वे हल्दी, उड़द की दाल, कुंदरू, बूंदी, कोचई, आम, ईमली खटाई का सेवन न करें | परहेज करने से ही बीमारी को ठीक किया जा सकता है| बीमारी से संबंधित जानकारी के लिये दिये गये नंबर संपर्क कर सकते हैं : वैद्य हेमचंद मांझी@9407954317.
Posted on: Aug 08, 2021. Tags: CG HD GANDHI NARAYANPUR SONG SWASTHYA SWARA VICTIMS REGISTER
वनांचल स्वर: भारत भंडारी जी महुआ के विषय में बता रहे हैं...
ग्राम- बाँगाचार, ब्लॉक-दुर्गकोन्दल, जिला-उतर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से हलबा जनजाति के सक्रिय सदस्य और पेशे से शिक्षक, भारत भंडारी जी महुआ के विषय में बता रहे हैं। उनके जीवन में प्रकृतिक, पूजा पाठ और विवाह की दृष्टि से महुआ का काफी महत्व है। महुआ का फूल फरवरी से अप्रेल के बीच में गिरता है। महुआ को बेचकर यह लोग अपना घर चलाते हैं। (MS)