पीड़ितों का रजिस्टर : बाजार जाने पे मुखबीर करार दिया गया, विगत 10 सालों से विस्थापित हैं...
सुखराम सलाम बताते हैं कि वे नक्सली हिंसा के कारण विस्थापित हो के पिछले 10 साल से नारायणपुर में रह रहे हैं और मजदूरी कर के गुजारा करते हैं। उनका पैतृक ग्राम ऊँचाकोट, जिला नारायणपुर में है। उनका नारायणपुर बाजार आना जाना होता था, जिस कारण नक्सलियों ने उन्हें मुखबीर करार दिया। वे कहते हैं कि उनकी जान को नक्सलियों से खतरा था, जिसके उपरान्त वे पलायन कर नारायणपुर में आ बसे। सरकार से उन्हें रु. 30,000 सहायता राशि मिली, किन्तु पुनर्वास योजना का लाभ नहीं मिला। उनका एफआईआर भी दर्ज नहीं हुआ है। संपर्क नंबर@7803038856