आदिवासी को अधिकतर रोज़गार जंगल से ही मिलता है, बरसात के समय हम खेत में काम करते हैं...
ग्राम-कुतेगाँव, तहसील-धनोरा, जिला-गढ़चिरोली (महाराष्ट्र) से मीना मडावी के साथ में सुखराम अटाला ग्राम-रोंडावाई, तहसील-धनोरा, जिला-गढ़चिरोली के रहने वाले है और अभी वो जिला-अनूपपुर मध्यप्रदेश में है बता रहे है कि आदिवासी समाज में किस तरह से वे अपना जीवन यापन करते है और किस तरह से रोजगार मिलता है उसके बारे में जानकारी दे रहे है, वे कह रहे हैं कि आदिवासी मूलत: जंगल पर ही अपने जीवन के लिए निर्भर होता है जहां से उसे जीवनयापन के लिए बहुत सी चीज़ें मिलती हैं. बारिश के समय में लोग मजदूरी करने लिए अपने और दूसरो के यहाँ जाकर भी खेत का काम भी करते है जैसे जोतना, बोना, निदाई करना ये उनके लिए एक रोजगार भी होता है| ऐसा वे गोंडी बता रहे है| मीना@7719930515