खेतवा मा झूमे धान हो...गीत-
मालीघाट मुजफ्फरपुर (बिहार) से सुनील कुमार एक फ़सली गीत सुना रहे हैं:
अरे अपना के किसनवा, खेतवा झूमे धान ओ-
दिनमा चमके दिवाकर के जोती-
रतिया मा बरसे आकाशवा से मोती – भोरवा मा सवेरा से किसान हो-
खेतवा मा झूमे धान ओ-
अरे अपन नाचे किसान ओ-
कलकल हरवा से मुखवा पिराये – मीठे – मीठे रसवा से मनवा जुडाये...