कोहे का ठंड जले पीपल के छाव रे..सादरी गीत-
सुरेन्द्र पाल ग्राम-मवई, जिला-बाँदा (उत्तरप्रदेश) से एक सादरी सुना रहे है:
कोहे का ठंड जले पीपल के छाव रे-
रुक जाओ परदेशी आज मेरे गांव में-
डोल रही पीपल पत्ती गोल गोल रे-
कोहे का ठंड जले पीपल के छाव रे-
मन के मडइया स्वागत में मड रे-
कोहे का ठंड जले पीपल के छाव रे...
Posted on: Oct 19, 2022. Tags: BANDHA SADARI SONG UP
ये सोगवन झन देबे बूढ़ी वो दाई...छत्तीसगढ़ी गीत-
ग्राम-फरसवानी, जिला-कोरबा (छत्तीसगढ़) से संजीव कुमार केवट एक छत्तीसगढ़ी गीत सुना रहें है:
ये सोगवन झन देबे बूढ़ी वो दाई-
में बांसे के बिरहा कस डोलत वो-
उठ के नही बेटा घर के लिपाई-
घलो सुधरें नही रनधीइ कोटाई-
मा मोर नई है ठिकाना-
रानधे घरी उसरे घलो नही...
Posted on: Dec 19, 2021. Tags: CG KORBA SADARI SANJIV KEWAT SONG
ही नवाडीह का सिकात उनकरो होई बड़ी बेकार...सादरी गीत
ग्राम-कुरूमगढ़, ब्लाक-चैनपुर, जिला-गुमला (झारखंड) से प्रभु यादव एक सादरी गीत
सुना रहे हैं:
ही नवाडीह का सिकात उनकरो होई बड़ी बेकार-
बेहला के बाघ धरे रे होई चराद देखी बेकार-
सीता बाघ के मारबो एक फरे सखी मारबो फरे-
ही चरवाह कोय आगे नई जाये सब घूरे बछे बोहाये-
कपथे नीतो डरे रे होई चराद देखी बेकार-
ये नवाडीह का सिकायत उनकरो होई बड़ी बेकार...