जल-जंगल-जमीन हे बहना ! कि अपना लो छीन...वन संघर्ष गीत
ग्राम-नोनारी, जिला-रीवा, मध्यप्रदेश से रामप्रसाद आदिवासी एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं:
जल-जंगल-जमीन, जल-जंगल-जमीन-
हे बहना ! कि अपना लो छीन-
संविधान कहता है सबको जीने का हक़ है भारी, कोई सकता न छीन-
हे बहना ! जल-जंगल-जमीन-
चमचे-दलालों को जूता से मारो, कब्जा कर लो जमीन-
हे बहना! कि अपना लो छीन-
वन सेंक्चुरी बहुत है प्यारी, लूटा खेत-जमीन हमारी-
ये है गड़बड़ मशीन, हे बहना ! कि अपना लो छीन-
भूमि का हो बंटवारा फिर से, महिला-पुरुष बराबर हक़ से-
हे बनेगी नई पहचान, हे बहना ! कि अपना लो छीन...