फलों के राजा आम के मौसम में आम के बागान की सैर: यहां के कई आम साल में दो बार फलते हैं...
ब्लॉक-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से राजेन्द्र गुप्ता बोल रहे है अभी जो समय चल रहा है वो आम का है, बता रहे है कि ऋतुराज बसंत है तो फलों का राजा आम है, वे आज हमें एक आम के बागान ले चल रहे हैं तमनार ब्लॉक के कोचाईलिटी में 21 प्रजाति के आम पाए जाते है स्वर्गीय केसवानन्द के बागान में वहां जो फ़िलहाल देख रेख करने वाले बैसाखू है उनसे वे बात कर रहे हैं वो बता रहे है कि यहाँ के आम बहुत ही प्रसिद्ध है यहाँ का आम साल में दो बार फल देता है, 21 प्रकार की देसी किस्मों के आम है और नई प्रजाति में दसहरी, लंगड़ा बाम्बे ग्रीन, हिमसागर, नीलम आदि किस्मे भी है, देसी प्रजातियां अब धीरे धीरे विलुप्त हो रही है | राजेन्द्र गुप्ता@9993891275
Posted on: May 28, 2017. Tags: RAJENDRA GUPTA
हाँसत गावत जीयत जावौ, पालव नहीं झमेला...छत्तीसगढ़ी गीत-
ब्लाक-मोहला मानपुर, जिला-राजनांदगाँव (छत्तीसगढ़) से राजेंद्र कोरेटी छत्तीसगढ़ी बोली में एक गीत सुना रहे है :
हाँसत गावत जीयत जावौ, पालव नहीं झमेला-
छोड़ जगत के मेला–ठेला, पंछी उड़े अकेला-
बड़े-बड़े मनखे मन आइन, पाइस कोन ठिकाना-
चार घड़ी के रिंगी चिंगी, तेखर बाद रवाना-
जइसन जेखर करम रहे वो, तइसन नाम कमाये-
पूजे जाये कोन्हों मनखे, कोन्हों गारी खाये-
कोन इहाँ का लेके आइस, लेगिस कोन खजाना-
जुच्छा आना सुक्खा जाना, का सेती इतराना-
माटी मा माटी मिलना हे, इही सत्य हे भाई-
बिधुना के आगू मनखे के, चलै नहीं चतराई-
कोट-कछेरी पाप-पुन्न के, माँगै नहीं गवाही-
बने करम के बाँध मोठरी, इही संग मा जाही...
Posted on: May 21, 2017. Tags: RAJENDRA KORETI
श्रद्धा और विश्वास भूख और प्यास तन-मन...छत्तीसगढ़ी रचना -
ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से राजेन्द्र गुप्ता रायगढ़ के बारे में बता रहे हैं कि पुरातत्व के लोगो के आधार पर यहाँ पर जो भूस्थलीय धरोहर जैसे नगाड़ा किला शैलचित्र है वो हजारों वर्ष पुरानी है उनके ऊपर आधरित के रचना सुना रहे है :
श्रद्धा और विश्वास भूख और प्यास तन-मन-
जीवन और मरन, जस और अपजस दिन और रात-
जय जवान-जय किसान हर क्षण है ख़ास-
हर जगह है आस न कोई ख़ास-
रंग और रूप के हर जगह के होए मिलाप-
और कलि है हर छड पास-
द्वापर-त्रेता कुछु रहे बिसाहत-
लबरा के कहती ताकड़ो निय विश्वास-
जेन ला देख आपन ला नोत्री करेला विश्वास...
Posted on: May 20, 2017. Tags: RAJENDRA GUPTA
भारत माता तोर चरन के अमरित पीबो...छत्तीसगढ़ी देशभक्ति गीत
ब्लाक-मोहल्ला मानपुर, जिला-राजनांदगाँव (छत्तीसगढ़) से राजेन्द्र कोरेटी छत्तीसगढ़ी भाषा में देशभक्ति गीत सुना रहे है :
भारत माता तोर,चरन के अमरित पीबो-
तन मन धन बल संग,देश के खातिर जीबो-
परन करत हन आज,तोर माटी ला छूके-
लाबो ओ सत् राज,बिना सुसताये रूके-
होही नवा बिहान,राज सुनता के आही-
जिनगी जाँगर चेत,सोझ रद्दा मा जाही-
भरही सबके पेट,सबो झन बने अघाहीं-
करके ओ परियास,सरग धरती मा लाहीं-
लालच भष्टाचार,मूड़ ला तोप लुकाहीं-
अपरिद्धा घूसखोर,आँख ला मूँद लजाहीं-
सत् भाखा सत् काज,सत्य मारग अपनाहीं-
जुग जिनगी के संग,मनुष मन बड़ हरषाहीं-
तोरे अन संतान,भटक गे हन ओ दाई-
होय समझ के फेर ,तभे माते करलाई-
दे दे ओ आशीष,चरन के पँइया लागौं-
अपरिद्धा पन छोड़,तोर सेवा बर जागौं-
Posted on: May 18, 2017. Tags: RAJENDRA KORETI
नए गाँव के शुरुआती उत्सव में दूर- दूर से लोगों के साथ उनके देवी-देवताओं को भी बुलाया गया है...
मोहला-मानपुर क्षेत्र, जिला-राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) से राजेन्द्र कोरेटी एक आदिवासी धार्मिक यात्रा के दौरान एक गावं परेवाडी पहिंचे हैं जो ग्राम पंचायत मढियानवाडी से 13 किमी दूर है आज वे हमें उनकी पारंपरिक रीति-रिवाज के बारे में जानकारी दे रहे हैं, वे बता रहे हैं कि इस गाँव की नई स्थापना की गयी है और उसके लिए किये जा रहे उत्सव में दूर-दूर के लोगों के साथ उनके देवी देवताओं को भी निमंत्रण दिया गया है. कार्यक्रम में बकरे, मुर्गी तथा सूअर की बलि दिए जाने के बाद सब ग्रामीणों को भोज कराया गया. वे कह रहे हैं इस तरह हम अपने पूर्वजों द्वारा शुरू किये गए रीति-रिवाजों को लगातार अनुसरण कर रहे हैं जो लगातार चलना चाहिए | राजेन्द्र कोरेटी@9407954428