पीड़ितों का रजिस्टर: माओवादियों ने बेटे को मुखबीर बता कर मार दिया, तब से नारायणपुर में रहते हैं...
रसूल कोर्राम, ग्राम पंचायत मैनागवाड़ी, ब्लॉक नारायणपुर, जिला नारायणपुर, छत्तीसगढ़ से बताते हैं कि 2002 में नक्सलियों ने उनके बेटे को मुखबीर बता कर मार डाला, तब से वे नारायणपुर जिला मुख्यालय के बंगलापारा में एसपीओ कालोनी में रहते हैं। वे बताते हैं कि उनका बेटा 10वीं कक्षा में पढ़ता था। नक्सलियों ने जन अदालत कर उनके बेटे को 2 बार पीटा था। उसके बाद जब माओवादी उसे खोजने लगे, तब वे अपने बेटे को लेकर नारायणपुर भाग गए। लेकिन वहाँ पुलिस से मिलीभगत कर, नक्सलियों ने उसे बड़गांव में मार डाला। सरकार से उन्हें रु. 1 लाख व रहने के लिए 2 डिस्मिल जमीन मिली थी, लेकिन उससे संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं दिया, जिससे उनका आधिपत्य प्रमाणित हो सके। वर्तमान में रोजी मजदूरी करके गुजारा करते हैं।