कान्हा रे बासुरी बजाये दियो नि,बासुरी के धुन सुने जिया तरसे...
कान्हा रे बासुरी बजाये दियो नि
बासुरी के धुन सुने जिया तरसे
दरसन करेले मोरा मन करत है
कान्हा कान्हा कहले याद ए लो
कान्हा मोरे कहाँ जाई वन कौनो न
कान्हा कान्हा कहाँ ले राधा रेट नाम
मीरा तोरे नाम के माला जपे ले
गोपी ग्वाला संग कान्हा गया चारे न
माखन चुराए के कान्हा कहा मने ने
कान्हा रे मोरे कान्हा
बासुरी बजाये दियो नि