मैं बस्तर से हूँ मैं बस्तर में शांति चाहती हूँ हिंसा नहीं...गोंडी में
ग्राम+पंचायत-साडरा बोदेनार, ब्लाक-बास्तानार, जिला-बस्तर छत्तीसगढ़ से बुदरी बाई गोंडी में बस्तर मांगे हिंसा को लेकर अपने विचार व्यक्त कर रही है और बोल रही है कि हम लोग बस्तर में शांति चाहते है |
Posted on: Sep 19, 2020. Tags: PEACE SURVEY GONDI 1
मेरी विचार है, दोनों पक्षों को एक जगह लाकर बात करने से हिंसा ख़तम हो सकती है...(गोंडी में)
जिला-नारायणपुर छत्तीसगढ़ से सेतै दुगा बस्तर में हो रही हिंसा को लेकर अपने विचार व्यक्त कर रही है गोंडी में उनका कहना है कि पुलिस, जनता और नक्सली सभी लोगो को एक मंच में लाकर और दोनों पक्षों से बातचीत करके इस समस्या का समाधान हो सकता है | ऐसा उनका कहना है | संपर्क@7588687132.
Posted on: Sep 13, 2020. Tags: PEACE SURVEY GONDI 1 SONG VICTIMS REGISTER
मेरी विचार है, दोनों पक्षों से बातचीत करने से हिंसा ख़तम हो सकती है...(गोंडी में)
जिला-नारायणपुर छत्तीसगढ़ से सिताय दुगा बस्तर मांगे हिंसा को लेकर अपने विचार रख रही है गोंडी में उनका कहना है कि पुलिस, जनता और नक्सली सभी लोगो को एक मंच में बैठाकर और दोनों पक्षों से बातचीत करके इस समस्या का समाधान हो सकता है | ऐसा उनका कहना है |
Posted on: Sep 12, 2020. Tags: PEACE SURVEY GONDI 1 SONG VICTIMS REGISTER
जनमत सर्वेक्षण के सन्दर्भ में अपनी राय बता रहें हैं...
ग्राम-बड़ेकिलेपाल, विकासखंड-बस्तानार, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से मोसूराम पोयाम जनमत सर्वेक्षण पर अपनी विचार व्यक्त कर रहे है वे कह रहें हैं की एक मंच पर समाज या ग्रामवासी बैठकर सुझाया जा सकता हैं कोई भी समस्या को तो ही हिंसा से बाख सकते है बता रहे है पुलिसबल से हिंसा नही हट सकते इसमें और विवाद हो सकता हैं मेरी रॉय है की समाज या ग्रामवासी ही अगर आगे आते है और इस हिंसा में शांति की निर्णय लेंगे तो ही हिंसा से आजादी मिल सकती है : मोसूराम पोयाम@7999424763 RK
Posted on: Sep 02, 2020. Tags: PEACE SURVEY GONDI 1 SONG VICTIMS REGISTER
मेरी राय है दोनों पक्षों से बात करने से हिंसा को रोका जा सकता है (गोंडी में)...
भण्डारी माहूँ, पंचायत-ककालगुर, विकासखंड-दरभा, जिला-बस्तर (छत्तीसगढ़) से गंगाराम बारसे वे बता रहें है कि बस्तर में निवास करनें वालें मूल आदिवासियों को मिलजुल कर रहना हैं किसी पक्ष में कोई किसी प्रकार की कोई वाद-विवाद नही करना चाहिए जिसे वे पक्ष-विपक्ष के दृष्टि से बात करना शुरू होता हैं और वही से इस प्रकार की युध्द प्रारंभ होता है जो सालों-साल चलता हैं इस पृथ्वी पर जन्में मनुष्यों को शांतिपूर्ण अपने-अपने कामों को सुचारू रूप से साकार करें एक दुसरें के ऊपर कोई भेदभाव की भावना न रखें. आपस में संघठन में रहें है |