शांति की बात कर रहे हैं,
ग्राम-जामगांव, डोंगरीपारा, जिला-बस्तर (छतीसगढ़) से जोगा जी बात कर रहे हैं| इनका कहना है कि बस्तर में नक्सली समस्या बहुत है और इसे जल्द से जल्द शांति की बात करके खत्म करनी चाहिए| तभी बस्तर में शांति होगी और यहाँ निवास करने वाले लोगों का जीवन भी शांतिपूर्ण बीतेगी| इसके लिए सीजी नेट के माध्यम से अपनी बात कर रहे हैं कि सब मिलकर शांति स्थापित करें| संपर्क नंबर@7067701703.
Posted on: Jan 28, 2022. Tags: BASTAR CG GONDI PEACE SURVEY
नक्सली पूर्ण रूप से खत्म होना चाहिए-
कुवारे, ग्राम पंचायत-कल्वी, जिला-अनुपपुर (मध्यप्रदेश) से बता रहे हैं कि देश के सभी लोग नक्सली समस्या से परेशान हैं| इनका कहना है जितना जल्दी हो सके इस समस्या से छुटकारा मिलना चाहिए| नक्सली समस्या पूर्ण रूप से खत्म होना चाहिए| तभी देश में शांति आएगी| अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@9770342339.
Posted on: Jan 28, 2022. Tags: ANUPAPUR MP PEACE SURVY
बस्तर मांगे आजादी
ग्राम-पंचायत कोर्गी (निलकंटपुर) ब्लाक-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से सुखदेव जी अपनी विचारधारा बता रहे है बस्तर में जो नक्सलीयों का आतंक है उसे खत्म करने के लिए सरकार को कोई रास्ता निकालना चाहिए | इसमे माओवादी, सरकार ,पुलिस तमाम जनता मिलकर कोई रास्ता निकाले जिससे बस्तर मे नक्सली हिंसा खत्म हो जाए और बस्तर आजाद हो जाए | अधिक जानकारी के लिए संपर्क नंबर@ 6262119523.
Posted on: Jan 17, 2022. Tags: CG MATTER OF PEACE PRATAPPUR SUKHDEV KORGI SURAJPUR
शांति की मांग कर रहे है
जिला -जशपुर (छत्तीसगढ़) से सूरदास पैकरा जी बता रहे है हिंसा उड़ीसा, मध्यप्रदेस, तेलंगाना, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्रप्रदेश आदि राज्यों में फैला हुआ है | इनका कहना है है बहुत सालों पहले से दंडकारण्य जंगली क्षेत्र में अशान्ति फैला हुआ है हम सब को मिलकर इन क्षेत्रों में शांति के लिए सरकार से बात करनी चाहिए और सरकार को भी ध्यान देना चाहिए | इसे हमें रोकने का प्रयास करना चाहिए | सम्पर्क नम्बर @704 9905312.
Posted on: Jan 16, 2022. Tags: CG JASHPUR MATTER OF PEACE SURDAS PAIKRA
मेरे अनुसार बस्तर में हो रही हिंसा को दोनों पक्षों से बात करके रोका जा सकता है...
उड़ीसा नुआपाड़ा ब्लाक खरियार बस्तर मांगे हिंसा से आजादी जनमत सर्वेक्षण पर अपनी विचार बता रहें हैं की जो आम जनता आदिवासीयों के साथ हो रहीं हिंसा इसे लड़ाई-झगड़ा से नही बल्कि इसे शांतिपूर्ण पूर्वक किसी एक विशेष स्थान पर बैठकर आपस में बातचीत कर इस हिंसा को कम करना चाहिए, क्योंकि यह आदिवासी जंगलो पर ही अधिक्तर निर्भर हैं और कहे तो इसके अलावा कोई दूसरा जगह कहा जा सकते हैं आइल लिए सरकार को ही आगे कदम उठाना चाहिए तभी आगे बढ़ सकते हैं ख़ास कर आदिवासीयों की विकास के लिए अधिक से अधिक योजना पारित करे और उन तक पहुचाएं जिसे किसी कोई एनी कदम उठाने किओ आवश्यकता न पड़े.