शांति पदयात्रा बस्तर और यहां के आदिवासियों के लिए बहुत ज़रूरी है, इसमें सभी को जुड़ना चाहिए...
नया रायपुर (छत्तीसगढ़) से उत्तम आतला परलकोट, बस्तर संभाग, जिला-कांकेर के सांथी सुरेश कुमार कतलामी से 2 अक्टूबर 2018 को होने वाली शांति पदयात्रा पर चर्चा कर रहे हैं, वे अपनी गोंडी भाषा में बता रहे हैं कि महात्मा गाँधी के जन्म दिन पर शुरू होने वाली शांति पदयात्रा जो आंध्र के चट्टी गाँव से शुरू होगी और 12 अक्टूबर को बस्तर संभाग के मुख्यालय जगदलपुर तक आएगी वह पूरे बस्तर क्षेत्र और आदिवासी समाज के लिए बहुत अच्छा और बहुत जरुरी है, ये बस्तर के आदिवासियों और बस्तर क्षेत्र में शांति की पहली पहल है, इससे क्षेत्र की समस्याएं हल हो सकती है, बस्तर में आज जो अशांति है लोग उसे तोड़कर बाहर आना चाहते हैं, इसमें ज़्यादा से ज्यादा लोगो को जुड़ना चाहिए |