तोला बंदो ओ दाई तोला बंदो ओ...देवी वंदना

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक देवी वंदना सुना रहे हैं :
तोला बंदो ओ दाई तोला बंदो ओ-
तमनार के कारी बंदिन तोला बंदो ओ-
तमनार के भईया गोसाईन तोला बंदो ओ-
तमनार के निरोल गोड़ी तोला बंदो ओ-
करिया पटिहा चढ़ के आबे ,लाल पटिया लाबे ओ-
करिया पटिहा चढ़ के दाई केल-केल नारियाबे ओ...

Posted on: Mar 19, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

हो माँ, मै तोर कोरा के बेटी हो, मोला आन दे जग मा...छत्तीसगढी कविता

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडीहारी एक छत्तीसगढी कविता सुना रहे है :
हो माँ, मै तोर कोरा के बेटी हो, मोला आन दे जग मा-
मै तोर कोरा मा खेलहूँ ओ, बड़े होंहू खेलहूँ, कुदहूँ-
पढहूँ, लिखहूँ, आगे बढहूँ ओ-
तोर नाम ला रोशन करहूँ, तोर संग मा मै रहूँ ओ-
तोर काम मा मै हांथ बटाहूँ...

Posted on: Mar 17, 2018. Tags: KANHIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

बेटी चली पराई घर मात-पिता का घर छोड़ी...गीत

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छात्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक कविता सुना रहे हैं :
बेटी चली पराई घर मात-पिता का घर छोड़ी-
सखी सहेली सबको छोड़ी आई सास ससुर की घर-
अपने दिल पर पत्थर रखकर छोड़ चली पिया का घर-
सास ससुर ननद देवर सबका बनाया अपना घर-
पर लोभी सास ससुर ने उसको कर दिया घर से बेघर-
भेडीयों के बीच में आई लूट लिये जीवन भर की कमाई...

Posted on: Mar 17, 2018. Tags: KANHIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

लालच नही करना चाहिए, जो हमारा है वो हमें किसी भी रूप में हो, मिल ही जाता है...कहानी

एक गाँव में तीन दोस्त थे एक मूर्तिकार दूसरा चित्रकार और तीसरा ब्राम्हण था ब्राहमण तंत्र-मंत्र में निपुण था, वे जिस जगह रहते थे, धंधा ठीक से नही चलने के कारण उन्होंने दूसरे जगह जाने का सोचा और जगह छोड़कर जाने लगे, जाते हुए तीनो एक शहर में रुके, वहां चोर-लुटेरे बहुत थे, इसलिए तीनो ने 4-4 घंटा जागकर रात बिताने का तय किया, पहले मूर्तिकार ने पहरा दिया, फिर चित्रकार ने उसके बाद ब्राहमण ने, मूर्तिकार सोचा क्यों ना काम किया जाय और एक सुंदर मूर्ति बनाया, जब चित्रकार की बारी आई तो उसने रंगकर उसे और सुंदर बना दिया, उसके बाद ब्राम्हण ने अपने मंत्र विद्या से उसे जीवित कर दिया, जिससे मूर्ति एक सुंदर कन्या में परिवर्तित हो, लेकिन अब तीनो में उसे पाने को लेकर विवाद होने लगा, तब तीनो एक न्यायाधीश के पास पहुंचे और अपनी समस्या बताई न्यायाधीश ने कहा गढ़ने वाला तो माता-पिता होता है, जीवन देने वाला भगवान होता है, और सजाने वाला पति होता है इसलिए कन्या सजाने वाले को मिलना चाहिए|इससे हमें सीख मिलती है किसी चीज का लालच नही करना चाहिए, जो हमारा है वो हमें ही मिलता है चाहे वो किसी भी रूप में हो| कन्हैयालाल पडिहारी@9981622548.

Posted on: Mar 13, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

नंद के नंदा आनंद कंदा बाल मुकुंदा हे जगवंदा...भजन

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक भजन गीत सुना रहे हैं :
नंद के नंदा आनंद कंदा बाल मुकुंदा हे जगवंदा
जब-जब बढा धरती का भार तूने लिया अवतार
कली काल का हुआ विस्तार, कब लोगे अवतार
नंद के नंदा आनंद कंदा हे बाल मुकुंदा हे जग वंदा...

Posted on: Mar 12, 2018. Tags: KANHIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

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