बेटी परदेशी भईल पड़ते सिंदुरवा...विदाई गीत
ग्राम-चन्द्रपुरा, जिला-बोकारो (झारखण्ड ) से नरेश महतो एक विदाई गीत सुना रहे हैं :
डोलिया उठाके काँधे,चालले कहरवा-
बेटी परदेशी भईल पड़ते सिंदुरवा-
गईया के समान बेटी घर में रखाए-
एक से खुले तो दूजे खुटवा बंधाये-
कोन ससुरारिया में आई खुशहाली-
कोन ससुरारिया में आई खुशहाली-
कोन नायिहरिया में आई खुशहाली-
अजीब निराला माया पड़ते सिंदुरवा-
बेटी परदेशी भईल पड़ते सिंदुरवा...
Posted on: Sep 23, 2016. Tags: NARESH MAHTO SONG VICTIMS REGISTER
चला मजदूर भइया, चला किसनवां...संघर्ष गीत
जिला-बोकारो, झारखंड से नरेश महतोजी एक संघर्ष गीत प्रस्तुत कर रहे हैं:
चला मजदूर भइया, चला किसनवां-
हाथे हथियार ले ला, सर पे कफनवां-
बाँधी के निकला रे मजदूर-किसनवां-
चला न मिटइबे हो शोषण-जुलमवां-
कब तक सहोगे शोषण-जुलमवां-
सहते-सहते सुख गए मितनवां-
एकता बनावा हो मजदूर-किसनवां-
गाँव-शहर जाइके बनावा संगठनवां-
अब ना रहिबई रे हमनी गुलमवां-
चला ना मिटइबे हो शोषण-जुलमवां...