कोरोना आने पर हम आदिवासियों ने बेजुरी पहाड़ी में बावलाई सत्यवती देवी का पूजा किया...
नगर पंचायत भामरागड जिला गडचिरोली (महाराष्ट्र) से देवजी पुन्गाटी और नीलकंठ कोडापे बता रहे है कि हमारे यहाँ जब भी कोई विपत्ति या बीमारी आता है तो हमारे आस -पास के सभी गाँव के लोग चंदा इकठा करके हमारे यहाँ से 5 किलोमीटर दूर में बेजुरी पहाड़ी के बगल में बावलाई सत्यवती देवी का स्थान जाकर हमारे यहाँ कोई बीमारी ना आये करके मन्नत मागते है और जब नहीं आता तो मुर्गा ,बकरा नारियल अगरबत्ती चढ़ाकर पूजा करते है | इस बार कोरोना बीमारी आने के बाद भी किया सभी गाँव वालों ने | और वहां हर वर्ष फरवरी माह में 3 दिन का यात्रा होता है और ऐसा ही पूजा सुरजागढ़ पहाड़ी में भी करते हैं जहां पहाड़ में बहुत सारा लोहा है |(168490)
Posted on: May 28, 2020. Tags: BHAMRAGAD GADCHIROLI MH CORONA DEVJI PUNGATI NEELKANTH KODAPE SONG VICTIMS REGISTER
उंदी दीया वायाना, उंदी दीया अंदाना...गोंडी गीत-
नगर पंचायत-भामरागड, जिला-गढ़चिरोली (महाराष्ट्र) से नीलकंठ कोडापे एक गोंडी गीत सुना रहे है :
उंदी दीया वायाना, उंदी दीया अंदाना-
वेहुड-वेहुड इन्दाना दाना सोजा कियाना-
मावा इतल हारल पर्रो, मावा इतल हारल पर्रो-
आरुंग तिन्दाना, आरुंग तिन्दाना...
Posted on: May 20, 2020. Tags: BHAMRAGAD GADHCHIROLI MH GONDI SONG NEELKANTH KODAPE
पर्यटक स्थल विडकोंडा पर चर्चा...(गोंडी में)
तालुका-भामरागड़, जिला-गढ़चिरोली से नीलकंठ राव कोडापे बता रहे हैं, कि वहां पर नदी है, पहाड है, एक जगह है विनाकोंडा जहाँ पर ऊपर से पानी गिरता है, विनाकोंडा एक झरना है जहाँ पर इन्द्रधनुष जैसा दिखाई देता है, यहाँ पर शहरों के लोग इस सुन्दर दृश्य को देखने आते हैं, वहा पर शेर का गुफा है, गुपा में हमेसा 12 माह शेर रहता है, मोर, हिरण, बन्दर, चीता आदि देखने को मिलते हैं, पहले वहां जाने के लिये अच्छी सड़क नहीं थी लेकिन पहले से अच्छी सड़क बन चुकी है, लोग वहां जाते हैं |
Posted on: May 19, 2020. Tags: BHAMRAGADH GADHCHIROLI MH GONDI STORY NEELKANTH KODAPE SONG VICTIMS REGISTER
हमारे गाँव के लोग गोटुल में इकट्ठा होकर अपने विचारो का आदान प्रदान करते थे...(गोंडी में)
तह्सील-भामरगड, जिला-गढ़चिरोली (महाराष्ट्र) से मोहन यादव के साथ नीलकंठ कोडापे जो गोंडी में बता रहे है कि उनके भामरगड तहसील में कितने पंचायत है और कितने गाँव गाँव है उसके बारे में जानकारी दे रहे है कि उनके तहसील के हर पंचायत में गोटुल है वे कह रहे हैं कि पहले हमारे गाँव के लोग गोटुल में इकट्ठा होकर अपने विचारो का आदान प्रदान करते थे लेकिन अब वो धारा ख़तम हो गई वहां पर कोई कार्यक्रम भी नहीं होते है और न ही कोई बैठक होते है ऐसा वे गोंडी में बता रहे है | संपर्क नम्बर@7588517108