तनी दिल लगा के देखा...भोजपुरी गीत-
सेक्टर C, राजनगर, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से मारकंडे सिंह एक भोजपुरी गीत सुना रहे हैं, जिसके बोल हैं, “तनी दिल लगा के देखा”|
अपने गीत संदेश रिकॉर्ड करने के लिये 08050068000 पर मिस्ड कॉल कर सकते हैं|
Posted on: Dec 10, 2021. Tags: ANUPPUR MARKANDE SINGH MP SONG
हैण्डपंप सुधार कराने के लिये कई बार आवेदन दे चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है...
ग्राम-तराडांड़, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से धनीराम सिंह श्याम बता रहे हैं, वार्ड क्रमांक 2 में हैण्डपंप ख़राब हो गया है, जिसके कारण पानी की समस्या हो रही है, सुधार कराने के लिये आवेदन दिया गया है लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है इसलिये वे सीजीनेट के श्रोताओं से निवेदन कर रहे हैं कि दिये नंबरों पर संपर्क कर हैण्डपंप सुधार कराने में मदद करें: संपर्क नंबर@8718033600. PHE@9993400770.
Posted on: Oct 21, 2021. Tags: ANUPPUR DHANIRAM SINGH SHYAM MP PHE WATER PROBLEM
रोड की समस्या है, बारिश के दिनों में दिक्कत होती है...
ग्राम पंचायत-रौसड़ खार, जिला-अनूपपुर, मध्यप्रदेश से पनकू सिंह धुर्वे बता रहे हैं, गाँव में रोड की समस्या है, इसके लिये सरपंच के आवेदन करते हैं लेकिन काम नहीं हो रहा है, बारिश के दिनों में आने जाने में दिक्कत होती है, वाहन नहीं निकल पाते हैं, कीचड़ हो जाता है इसलिये वे सीजीनेट के श्रोताओ से निवेदन कर रहे हैं कि दिये नंबरों पर संपर्क कर समस्या का निराकरण कराने में मदद करें: संपर्क नंबर@9630095766. सरपंच@9755810874, कलेक्टर@7659222240.
Posted on: Aug 05, 2021. Tags: ANUPPUR MP PANKU SINGH DHURWE PROBLEM ROAD
तितली रानी इतनी सुंदर पंख कहा से लाई हो...बाल कविता
ग्राम-रक्सा, पोस्ट-फुनगा, थाना-भालूमडा, जिला-अनूपपुर (मध्यप्रदेश) से दिव्या जोगी एक बाल कविता सुना रही हैं :
तितली रानी इतनी सुंदर पंख कहा से लाई हो-
क्या तुम कोई शहजादी हो परी लोक से आयी हो-
फूल तुम्हेँ भी अच्छे लगते फूल हमें भी अच्छे भाते-
तितली रानी इतनी सुंदर पंख कहा से लाई हो...
Posted on: Aug 04, 2021. Tags: ANUPPUR DIVYA JOGI MP POEM
एक शेर था वन में बुढा हुआ ना : कविता-
ग्राम-रकसा, पोस्ट-फुनगा, थाना-भालुमाड़ा, जिला-अनुपपुर (मध्यप्रदेश) दिव्या जोगी एक कविता सुना रही हैं:
एक शेर था वन में बुढा हुआ ना-
पल कुछ चलने में थक जाता था-
भोजन भी ना कभी नही पाता था-
एक समय तलाब किनारें घूम रहा था-
दुःख के मारें मिला उसे सोना का कंगन-
हुआ खुश मन ही मन बैठ गया वही घूम घूम...