काबर भीगे रे गोरिया, सावन भादों की झरिया...सरगुजिहा करमा गीत
ग्राम पंचायत-सेमराकला, विकासखण्ड-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से फूलपति पैकरा एक पारम्परिक सरगुजिहा करमा गीत सुना रही है :
काबर भीगे रे गोरिया, सावन भादों की झरिया-
काबर भीगे रे लाली फगरिया, काबर भीगे रे गोरिया-
का करब भीगे,रस्म डोरिया, काबर भीगे रे गोरिया-
काबर भीगे रे गोरिया, सावन भादों का झरिया-
Posted on: Mar 26, 2018. Tags: MAHAVEER PAWLE SONG VICTIMS REGISTER
एक बोतल मा सास बोले, दो बोतल मा ससुर डोले, ओले ओले...हास्य गीत
ग्राम ढीलकछ, पोस्ट रमकोला, सरगुजा संभाग जिला सूरजपुर छत्तीसगढ़ से महावीर सिंह पावले अपनी क्षेत्रीय सरगुजिहा बोली में ससुराल से संबधित एक हास्य गीत सुना रहे हैं:
एक बोतल मा सास बोले, दो बोतल मा ससुर डोले ओले ओले-
खेले करमा संगी, ईकर कथा ला भौजी झेले ओले ओले-
अबा तीसरा बोतल पीके आय, मोर सारा हा करा थे गोहार-
आगी लागे ऐसन ससुरार, आगी लागे एसं ससुरार-
मोर सारी हे बड़ी टिप-टाप, मोर सारी हे बड़ी टाप-
बोली मा ओ कोयली हे, चेहरा मा ओ भोली हे-
ओ रैथे बेबी चुपचाप, नेता हे ओ कर दाई-बाप-
मोर ससुर ला प्यारा हड़िया लगे, मोर ससुर ला प्यारा हड़िया लगे-
ओला दारू अउ बोतल बढ़िया लगे, मोर ससुर ला प्यारा हड़िया लगे-
मोर ससुर तै लाबेला, काबर लगाये हस मोर संग झमेला-
ये ले ससुर जी खाले मिठाई, अउ अपन बेटी संग मोर कर दे सगाई-
मोला तोर बेटी के चेहरा प्यारा लगे, मोर ससुर ला प्यारा हड़िया लगे-
मोर ससुर ला प्यारा हड़िया लगे, मोर ससुर ला प्यारा हड़िया लगे...