लेकर संकल्प सुपोषण का अब निकल पड़े है हम...पोषण गीत
पंचायत-कोयलीबेडा, ब्लाक-कोयलीबेडा, जिला-कांकेर उत्तर बस्तर (छत्तीसगढ़) से माधुरी पिस्दा, धनई पटेल और नर्मिला निषाद एक संकल्प गीत सुना रहे है:
लेकर संकल्प सुपोषण का अब निकल पड़े है हम-
सक्त सुपोषित राज्य बनना जन-जन का प्रण-
संकल्प सुपोषण, संकल्प सुपोषण हमारा है ये प्रण-
हर बच्चे के वजन की करनी हमको अब निगरानी-
रहे सुपोषित बच्चे सारे कसम ये खूब निभानी है-
गाँव-शहर सब रहे सुपोषित लिखनी यही कहानी है-
हंसता बचपन खिलता जीवन बगिया ये मैहकानी है-
कदम हमारे नही रुकेंगे बना लिया है मन-
संकल्प सुपोषण, संकल्प सुपोषण हमारा है ये प्रण...
Posted on: Aug 16, 2018. Tags: DHANAI PATEL HINDI SONG KANKER CG MADHURI PISDA SONG VICTIMS REGISTER
रे रे रेला रेला रे रे रेला, रेला रेला रे रे रेला रे रे...गोंडी गीत
ग्राम-एकनसुर, पंचायत-गेंदा, तहसील-एटापल्ली, जिला-गढ़चिरोली महाराष्ट्र से रितू, माधुरी व अन्य एक गोंडी गीत गा रही हैं. गीत में जंगल में खिलने वाले फूलों के सन्दर्भ बताया जा रहा है:
रे रे रेला रेला रे रे रेला, रेला रेला रे रे रेला रे रे-
जोड़ी ये जोड़ी इद बाई ले, जोड़ी ये जोड़ी इद बाई ले-
डोडा ता कारे जप्रन्त रे, इतुम पुंगार पोयसोरे जप्रन्त रे-
पुका ये आयो जोड़ी बाई ले, पुका ये आयो जोड़ी बाई ले...
Posted on: Sep 06, 2015. Tags: Ritu Madhuri
An Adivasi girl child requests her teacher to teach them well: A Marathi song
माधुरी चंद्रपुर, महाराष्ट्र से अपनी शाला के गुरूजी को अच्छे से पढ़ाने, अच्छी शिक्षा देने और मेहनत- पसीने से कमाने और उनका भविष्य उज्जवल करने की गुजारिश कर रही है:
छान हे करीन न, आली शाळेत जावणी न,
तेन्ना गोडी गुलाबी न, गुरूजी तुम्ही शिकवा न।
तेन्ना गोडी गुलाबी न, गुरूजी तुम्ही शिकवा न।।
ओ गुरूजी घामाच पगार..अ
घ्या न स्वाभिमानना..नया
पायानी साज्ञान न, तुमच्या हातात जीवन न।
तुमचा झाला न मातेर, अता सरी नी शिकवा न।।
ओ गुरूजी घामाच पगार..अ
घ्या न स्वाभिमानना..न
Posted on: Oct 26, 2013. Tags: EDUCATION MADHURI MESHRAM
गीत गा रहे है आज हम रागिनी को ढूंढते हुए...
गीत गा रहे है आज हम रागिनी को ढूंढते हुए
आ गए यहाँ जवां कदम जिन्दगी को ढूंढते हुए
हर दिलो में ये उमंग है ये जहां नया बनायेंगे
जिन्दगी का दौर आज से दोस्तों को हम सिखायेंगे
फूल हम नए खिलाएंगे ताजगी को ढूंढते हुए
है दहेज़ का बुरा रिवाज आज देश के समाज में
है तबाह आज आदमी लोभ पे टिके समाज में
हम समाज भी बनायेंगे आदमी को ढूंढते हुए
फिर न रो सके कोई दुल्हन जोर जुल्म का न हो निशाँ
मुस्करा उठे धरा गगन हम रचेंगे ऐसी दास्तां
हम वतन को यू सजायेंगे हर खुशी को ढूंढते हुए
गीत गा रहे है आज हम रागिनी को ढूंढते हुए
Posted on: Oct 15, 2013. Tags: Madhuri Meshram
Police is breaking our houses at middle of night, Pls help...
Mashuri Shivkar from Koliwada in Sion in Mumbai is calling us at 1.15 am. She says yesterday police has demolished their houses without having any legal documents but when they are trying to rebuild their houses police is again stopping them. More than 300 people from the area are sitting on a peaceful demonstration requesting police not to break houses as Medha Patkar had done asking them to show the legal documents but they instead arrested her. She says people will fight to save their existence. For more Madhuri ji can be reached at 09892143242