अरे कीर्तन से दिल न चुराना रे, इस जीवन का कोई न ठिकाना...

अलिराज़पुर मध्यप्रदेश से कुसुम सोलंकी का एक गीत-
अरे कीर्तन से दिल न चुराना रे, चुराना रे
इस जीवन का कोई न ठिकाना
यह जीवन रे मिट्टी का गोला
हवा लागे तो उड़ जाना रे, उड़ जाना रे
इस जीवन का कोई न ठिकाना
अरे कीर्तन से दिल न चुराना रे, चुराना रे
इस जीवन का कोई न ठिकाना
यह जीवन है कागज की पुड़िया
हवा लागे तो उड़ जाना रे, उड़ जाना रे
इस जीवन का कोई न ठिकाना
अरे कीर्तन से दिल न चुराना रे, चुराना रे

Posted on: Aug 08, 2014. Tags: Kusum Solanki SONG VICTIMS REGISTER

Recording a report on CGNet Swara

Search Reports »


YouTube Channel




Supported By »


Environics Trust
Gates Foundation
Hivos
International Center for Journalists
IPS Media Foundation
MacArthur Foundation
Sitara
UN Democracy Fund


Android App »


Click to Download


Gondi Manak Shabdkosh App »


Click to Download