नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ ....बाल कविता
कक्षा 2 की छात्रा काजल कुमारी दो बाल कविताएँ सुना रही हैं:
नन्हा मुन्ना राही हूँ-
देश का सिपाही हूँ-
बोलो मेरे संग जय हिन्द-
रस्ते पे चलूँगा न डर-डर के-
चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के-
नन्हा मुन्ना राही हूँ...
2.
काली कोयल बोल रही है-
डाल-डाल पे दौड़ रही है-
कूं-कूं कर गीत सुनाती-
कभी न मेरे घर आती – सुन्दर और रसीले आम-
कितना रंग-रंगीले आम-
सबके मन को भाते आम-
सबका जी ललचाते आम....