पीड़ितों का रजिस्टर: पहले नक्सल संगठन का हिस्सा थे, हिंसा ने गांव छोड़ कर भागने को मजबूर किया...
मेहर सिंह नेताम (30) अपनी पत्नी और 3 बच्चों के साथ 2017 से ग्राम चारगांव, ब्लॉक कोयलीबेड़ा, जिला कांकेर, छत्तीसगढ़ में रहते हैं। माओवादी हिंसा के कारण उन्हें अपना गाँव मनहकाल, ब्लॉक कोयलिबेड़ा, कांकेर जिले में रहते थे। वह उस समय नक्सली संगठन का हिस्सा थे। हिंसा की स्थिति ने उन्हें अपनी जमीन और अन्य चीजें पीछे छोड़ कर चारगांव में प्रवास करने के लिए मजबूर कर दिया। उन्हें सरकार से कोई मदद नहीं मिली। वे सरकार से नए घर के लिए जमीन की मांग कर रहे हैं। संपर्क नंबर@7803880080.
Posted on: Jun 20, 2022. Tags: KANKER KOYLIBEDA LAND MAOIST VICTIM MEHER SINGH NETAM VICTIM REGISTER
पीड़ितों का रजिस्टर: बच्चों की शिक्षा के लिए सरकार से नौकरी कि मांग है...
ग्राम-सुलंगी, ब्लॉक-कोयलिबेड़ा, ज़िला-कांकेर, छत्तीसगढ़ से उर्मिला उसेंडी बता रही हैं कि उनके पति, सुम्मत उसेंडी की 2013 में नक्सलियों ने हत्या कर दी थी। हत्या का कारण आज तक नहीं पता चला। हत्या के बाद सरकार की तरफ से उन्हें रु 8 लाख की राशि की मदद मिली। मगर वे चाहती हैं उन्हें एक नौकरी भी मिलनी चाहिए और पास के शहर में रहने के लिए एक जगह। इन चीजों की मदद से वे अपने बच्चों को शिक्षा और एक अच्छा बचपन दने की उम्मीद रखती है। संपर्क नंबर@6264039214.
Posted on: Feb 27, 2022. Tags: CG KANKER KOYLIBEDA MAOIST VICTIM URMILA USENDI VICTIM REGISTER
पीड़ितों का रजिस्टर: गाँव के 2 लोगों की मुखबीर करार देके हत्या, डर से आधा गाँव खाली...
सुखदेव कचलाम, ग्राम बोगान कोयलीबेड़ा से 20 किमी दूर नारायणपुर जिला, बताते हैं कि माओवादियों ने उनके गाँव के 2 लोगों को मुखबिरी का आरोप लगा कर मार डाला। उनसे जुड़े हुए कार्यकर्ताओं से उन्हें भनक लगी कि माओवादी उन्हें भी मुखबीर समझ कर उनपे भी नजर रखे हुए हैं, जिसके बाद वे अपनी बच्ची को डॉक्टर को दिखाने के बहाने से 2009 में नारायणपुर आ गए। कुछ दिन बाद उनकी पत्नी भी वहाँ आ गईं। वे बताते हैं कि वे गायत्री परिवार से 1997 से जुड़े हुए हैं और जिन 2 लोगों की माओवादियों ने हत्या की, वे भी गायत्री परिवार से जुड़े हुए थे। वर्तमान में वे गुडरीपारा, नारायणपुर मे रहते हैं व घरों में बिजली का काम करते हैं। उनकी माँ अभी भी गाँव में खेती-बाड़ी करती हैं। उनके गाँव के 14-15 परिवारों में से 7 परिवार माओवादियों के डर से नारायणपुर में ही रहते हैं। उन्हें 2012-13 में सरकार से रु 30,000 सहायता राशि मिली, लेकिन उसके अलावा ना रहने को जमीन मिली, ना जीवन यापन के लिए नौकरी। वे अभी भी पुनर्वास योजना की आस में हैं। संपर्क नंबर @942414873
Posted on: Dec 13, 2021. Tags: CG DISPLACED KOYLIBEDA MAOIST VICTIM NARAYANPUR SUKHDEV KACHLAM VICTIM VICTIM REGISTER 2009
गोंडी संस्कृति के अनुसार जब युवती को मासिकधर्म हो रहा है वह उस समय गोटुल में नहीं जा सकती...
ग्राम-मेकावाही, पंचायत-शंकरनगर, ब्लॉक-कोयलीबेडा, जिला-उत्तर बस्तर कांकेर (छत्तीसगढ़) से बस्तुराम भोगा, जुन्गुराम आचला, सीताबाई, हिन्दूबाई, सेवंता और छन्नोबाई गोंडी भाषा में गोटुल संस्कृति के बारे में जानकारी बता रहे हैं |गोटुल में क्या-क्या होता है: गोटुल में गाँव में कोई भी समस्या हो कोई गलती करता है इन सब का गोटुल में ही फैसला किया जाता है और गोटुल में शाम को सिर्फ़ वे लोग ही जा सकते है जिनका शादी नहीं हुआ है जैसे बच्चे से लेकर युवक-युवतियां ही नाच गाना कर सकते है |जो युवती मासिकधर्म से रहती हैं, उसका गोटुल में प्रवेश वर्जित है जितने दिन तक उसका पीरियड होता है उतने दिन तक गोटुल में नहीं जा सकती | पीरियड होने के बाद ही गोटुल में जा सकती है|
Posted on: Sep 06, 2018. Tags: BASTURAM BHOGA CG CULTURE GONDI GOTUL KANKER KOYLIBEDA
हमारे गाँव में रोड नहीं है, रास्ते में कीचड़ होने से आने जाने में बहुत दिक्कत होती है, कृपया मदद करे
ग्राम-भुरभुसी, पंचायत-जबेली, पोस्ट-तेकामेटा, विकासखंड-कोयलीबेडा, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़) से सत्तुराम यादव बता रहे हैं कि उनके गाँव में 350 की जनसंख्या है, रोड नही है जिससे लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, अधिकतर उन्हें बरसात के दिनों में रास्ते में अधिक कीचड़ होने से असुविधा होती है| अधिक स्वास्थ्य खराब होने से मरीज को चारपाई से आधे रास्ते तक ले जाने के बाद हास्पिटल की गाड़ी के द्वारा चिकित्सा केन्द्र तक पहुंचाया जाता है, कई मरीज रास्ते में ही अपना दम तोड़ चुके हैं, इसके लिए उन्होंने कई बार समबन्धित अधिकारीयों को लिखित आवेदन दिए हैं, लेकिन आज तक कोई सुनवाई नही हुआ: कलेक्टर@9425263044, CEO@7646807645. संपर्क@6267298776.