हम खुद ही चले जायेंगे तेरा शहर छोंड के...गजल-
ग्राम-मटियालम,जिला कुशीनगर (उत्तरप्रदेश) से सुकई कुसवाहा एक गजल सुना रहे हैं:
ऐसे ना जा खफा होके-
मुह मुझसे मोड़ के-
हम खुद ही चले जायेंगे-
तेरा शहर छोंड के-
जो कुछ भी मैंने पाया हो...
ग्राम-मटियालम,जिला कुशीनगर (उत्तरप्रदेश) से सुकई कुसवाहा एक गजल सुना रहे हैं:
ऐसे ना जा खफा होके-
मुह मुझसे मोड़ के-
हम खुद ही चले जायेंगे-
तेरा शहर छोंड के-
जो कुछ भी मैंने पाया हो...