स्वस्थ्य स्वर-भंगरा के रस का घरेलू उपचार बता रहे है...
बैध कदरनाथ पटेल ग्राम रनई थाना पटना जिला कोरिया छत्तीसगढ़ से वनों द्वारा भंगरा का औषधि प्रयोग के बारे में बता रहें है, प्रमेह पिंड इस रोग में भंगरा का एक भाग रस तुलसी का पत्ते छीन का पत्ते का पटोल पत्ते एक एक भाग का चुंड मिलाकर तथा कांजी में पीसकर लेप करने से घातक प्रमेह पिंड के रोग को नष्ट कर देता है, इसका उपयोग करें दूसरा नंबर सलिपद रोग यानि हांथी पांव रोग जो एक पैर मोटा हो जाता है इसके पंचाग के लूगी को तेल में मिलाकर अथवा इसके रस से सिलपद रोग को मालिश करने से अत्यंत लाभ हप्ता है ,इस बीमारी को पूरी तरह से नष्ट कर देता है तीसरी बीमारी का नाम अग्निदाक्त अग्नि से जले हुये स्थान पर भंगरे के पत्ते मेहदी और मरवा के पत्ते के साथ पीसकर लेप करने से सिग्र ही लाभ होता है नया मास भरने में उपयोगी है, जब भरण हुआ ठीक होने लगे तब भांगरे पत्ते के रस दो भाग काली तुलसी के पत्र रस एक भाग दिन में दो तीन बार लगाते रहने से जलन ठीक हो जाता है, ओर शरीर पर किसी किस्म दाग ही नहीं पड़ने पता है हाथ पैर और जलन वा शरीर के खुजली इसके स्वरास्क मालिश से लाभ होता है| संपर्क न.@9826040015
Posted on: Jul 09, 2020. Tags: CG JILA KEDERNATH KORIYA PATEL SONG SWSTHYA VICTIMS REGISTER SWARA
स्वाथ्य स्वर भंग से ठीक होने वाले बीमारी के बारे में बता रहें है...
बैध केदर नाथ पटेल ग्राम रनई थाना पटना जिला कोरिया छत्तीसगढ़ से वनों ओषधि द्वारा भंग को उपयोग करने का उपाये बता रहें है|धन वास्तम का रोग जो कुबड़ा हो जाते है जिसका कमर झुक जाता है उसे धन वास्तम रोग कहते है इसका उपयोग एक ग्राम भंग का धुँआ पिलाने से धीरे धीरे आक्षेप का रोग छुट जाता है इसका धुँआ इतनी कारगत दावा है पंद्रह से बीस दिन में ये बीमारी ठीक हो जाता है 125 मिली ग्राम घी में सेंकें हुये भंग को 2 ग्राम काली मिर्ची और 2 ग्राम मिस्री मिलाकर दिन में तीन चार बार सेवन करने से धनवास्तम के बीमारी से लाभ होता है | सनाई पीड़ा में तीप्त श्रोध्द है और एक प्रकार से मुंह में होता है आस पास फैलती जाती है भंग को फीस कर लेप करना चाहिए इससे सनाई पीड़ा का रोग दूर होता है| संपर्क न.@9826040015 (JP)170724