कोन दिग ले आये मोर जटाधारी जोगिया रे मोर सुवा...सुवा गीत

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक सुवा गीत सुना रही हैं :
कोन दिग ले आये मोर जटाधारी जोगिया रे मोर सुवा-
उत्तर दिग ले आये जटाधारी जोगिया रे सुवा ना-
पूरब दिग मा जाए ना-
जोगिया ले दैदा रो बैसी गोहडीला रे सुवा ना-
छाड दीही धरम दुवा-
बैसी गोहडीला बैनी तोर घर भरे जाए-
मै नई छाड़ो धरम दुवा...

Posted on: Mar 09, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

समाजवाद, जिसने लिया रसास्वाद, उसने हुआ आबाद बाकी सब हैं बर्बाद.... कविता

ग्राम-तमनार, जिला-रायगढ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक कविता सुना रहे हैं :
समाजवाद, जिसने लिया रसास्वाद, उसने हुआ आबाद बाकी सब हैं बर्बाद-
जातिवाद कर रहे हमें बर्बाद, उनमे नहीं किसी इसे लगाव-
हमें करा रहे हैं अलगाव, सबको दे रहे है घाव
विदेशी छोड़ रहे हैं यहां प्रभाव इसलिए नहीं किसी से लगाव-
हमें हो गया अपने घर से ही लगाव-
देश से कर बैठे अलगाव, एकता का है अभाव...

Posted on: Mar 07, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

मुझे कृष्ण रंग है प्यारा, मुझे श्याम रंग ने दुलारा...होली गीत

तमनार, रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक गीत सुना रहे हैं :
मुझे कृष्ण रंग है प्यारा, मुझे श्याम रंग ने दुलारा-
खेलो कृष्ण रंग की होली, मरो श्याम रंग पिचकारी-
बोलो प्रेम प्यार की बोली, करो प्रेम प्यार से ठोली-
भर लो प्रेम प्यार से झोली, खेलो कृष्ण रंग की होली-
मुझे कृष्ण रंग है प्यारा, मुझे श्याम रंग ने दुलारा...

Posted on: Mar 01, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

जाड हर कैसे सताथे देख तो गा संगी जाड हर कैसे सताथे...ठण्ड पर छत्तीसगढ़ी कविता -

तमनार, रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी छत्तीसगढ़ी भाषा में एक कविता सुना रहे हैं :
जाड हर कैसे सताथे देख तो गा संगी जाड हर कैसे सताथे – गोदरी रजाई हा बईहा ला बलाथे – पानी हर कारा होगे आगी होगे ठगुआ – खटिया ला लात मरीन पैरा होगे भगुआ – बेरा हर ठाड़ होगे डिसना हर नई छोड़य –
काम बूता ठप्प होगे जाड बेर्रा हर नई छोड़े – डोकरा बाबा डोकरी ला थर-थरत कहिथे...

Posted on: Jan 06, 2018. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

मृत्यु है तो डर है, डर है तो मृत्यु है...कविता -

तमनार, रायगढ़ (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल पडिहारी एक कविता सुना रहे हैं :
मृत्यु है तो डर है, डर है तो मृत्यु है – मृत्यु है तो डर डर कर क्यों जीयें – मरना है तो कुछ अच्छा काम कर के मरे –
शरीर तो छोड़ कर चला जायेगा कम से कम नाम तो रह जायेगा – क्या लिया क्या दिया उसका हिसाब कोन रखता है – जो कुछ भला कर जाता है उसी का नाम जग में रह जाता है – ये धरती माता सबकी है पर इसे कोई कोई ही जान पता है...

Posted on: Dec 30, 2017. Tags: KANHAIYALAL PADIHARI SONG VICTIMS REGISTER

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