साढ़े 4 साल से नि:शक्तता पेंशन नहीं मिला, कई बार आवेदन दे चुके हैं लेकिन काम नहीं हो रहा...
ग्राम-करजहाँ, थाना-चैनपुर, जिला-कैमूर भभुआ (बिहार) से राकेश कुमार बता रहे हैं कि उनकी पत्नी एडमिश देवी को साढ़े 4 साल से नि:शक्तता पेंशन नहीं मिल पा रही है, इस संबंध उन्होंने अधिकारियों के पास कई बार आवेदन दिया है लेकिन काम नहीं हुआ, इसलिये वे सीजीनेट के साथियों से अपील कर रहे हैं दिये नंबरों पर बात कर समस्या को हल कराने में मदद करें : संपर्क नंबर@9871639769. BDO@9431818060, बैंक अधिकारी@7488138059. (AR)
Posted on: Jun 16, 2020. Tags: BIHAR HANDICAPPED KAIMUR PENSION PROBLEM RAKESH KUMAR
नमस्कार करके मिले कभी न हाथ मिलाय...कोरोना गीत-
कैमूर, बिहार से शिवशंकर उपाध्याय एक कोरोना गीत सुना रहे हैं:
मईया मंदिर छोड़ के-
मन में बैठी आय-
घर में सुमिरन कीजिये-
जन्म सफल हो जाये-
घूम के बीज न बोना-
भक्तो को सद्बुद्धि दो-
साबुन हाथ लगाय-
नमस्कार करके मिले-
कभी न हाथ मिलाय...
Posted on: May 05, 2020. Tags: BIHAR CORONA SONG KAIMUR SHIVSHANKAR UPADHYAY
मज़दूर वापस आने के लिए ई फॉर्म कैसे भरें यह विस्तार से कृपया मोबाइल रेडियो पर सिखा दीजिए...
मैं शिवशंकर उपाध्याय, कैमूर बिहार से | मैं डभौरा रीवा से विवेचना का धन्यवाद देना चाहूंगा जो मज़दूरों को वापस लाने के लिए निशुल्क फॉर्म भर रही है | मेरा उनसे अनुरोध है कि वे फॉर्म को कैसे भरना है यह विस्तार से बता दें तो कुछ लोग वह सुनकर अपना फॉर्म खुद भी भर सकेंगे | आप लोगों ने बिहार के शिक्षकों की हड़ताल की खबर प्रसारित की उसके लिए धन्यवाद देना चाहूंगा | मैं आप सभी से साझा करना चाहूंगा कि हम लोगों की हड़ताल अब सरकार के साथ समझौते के बाद ख़त्म हो गयी है | धन्यवाद | शिवशंकर उपाध्याय@8581810666(166429)
Posted on: May 05, 2020. Tags: BIHAR CORONA KAIMUR
लॉकडाउन के बीच हड़ताली शिक्षकों को नौकरी का डर दिखा काम में जुड़ने को कहना अमानवीय...
कैमूर (बिहार) से शिवशंकर उपाध्याय बता रहे हैं कि इस वैश्विक महामारी में संकट के समय जब देश में लॉकडाउन है, बिहार की सरकार नियोजित शिक्षको, जो पिछली फरवरी से हड़ताल पर थे, को लॉक डाउन तोड़कर DEO और BEO के कार्यालय के काम करने के लिये कह रही है, सरकार का कहना है यदि लॉकडाउन में ज्वाइन नहीं किये तो 90 दिन में नौकरी समाप्त कर दी जायेगी |वे कह रहे हैं कि यह अमानवीय है शिक्षक हड़ताल पर हैं और लोकडाउन के बीच में जब कहीं भी आना जाना संभव नहीं है तब शिक्षकों को ज्योइन करने को कहना क्रूरता है