लेके थपी-थपी झोला-झोला पैसा, आके हमर देश में करे जैसा मन तैसा...गीत
नीलकंठपुर, पंचायत-गोरगी, तहसील-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से जगदेव प्रसाद पोया एक गीत सुना रहे हैं:
जागव रे जागव रे जागव रे जागव-
बांधव रे बांधव रे बांधव रे बांधव-
बांधव भई सुमत के बंधना-
और ये विदेशी मन ले अपन देश ला बचाना-
लेके थपी-थपी झोला-झोला पैसा-
आके हमर देश में करे जैसा मन तैसा...