पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोय...गीत-
ग्राम-कोलियारी, जिला-नारायणपुर (छत्तीसगढ़) से हीरामनी नाग एक गीत सुना रही हैं :
पिंजरे के पंछी रे, तेरा दर्द ना जाने कोय-
बाहर से खामोश रहे तू, भीतर-भीतर रोये रे-
कह ना सके तू अपनी कहानी-
तेरी भी पंछी क्या जिंदगानी रे-
विधि ने तेरी कथा लिखी है, आंसू में कलम तू बोर-
तेरा दर्द ना जाने कौय...