स्वास्थ्य स्वर: मलेरिया का घरेलू उपचार-
ग्राम-रहगी, पोस्ट-लोरमी, जिला-मुंगेली (छत्तीसगढ़) से वैद्य चंद्रकात शर्मा आज हमें मलेरिया रोग का एक घरेलू उपचार बता रहे हैं. वे कह रहे हैं कि अपामार के पत्ते और काली मिर्च बराबर मात्रा में लेकर पीस लें और फिर इसमें थोड़ा सा गुड़ मिलाकर मटर के दानों के बराबर गोलियां तैयार कर लें फिर एक-एक गोली को भोजन के बाद नियमित सेवन करने से मलेरिया ज्वर नहीं पकड़ता है | इन गोलियों का सेवन दो से चार दिन करना पर्याप्त होता है | नोट-अपा महारक को छिछला के नाम से भी जाना जाता है, जो आसानी से मिल जाता है | अधिक जानकारी के लिए संपर्क वैद्य चंद्रकात शर्मा@9893327457
Posted on: Aug 27, 2018. Tags: CG CHANDRAKANT SHARMA HEALTH HINDI MUNGELI SONG VICTIMS REGISTER
स्वास्थ्य स्वर: मलेरिया से बचने के उपाय
डा अनिल रिजवी, कोरबा (छत्तीसगढ़) से मलेरिया से बचाव का घरेलू उपाय बता रहे है: नीम की पत्ती, डनठल और छाल या नीम का कोई भी अंग हो उसको सुखा कर चूर्ण बना ले उसमे से 100 ग्राम चूर्ण ले लोबान 100 ग्राम निचोड़ कर मिला ले और 25 ग्राम हल्दी का पाउडर मिला ले ये तीनो को मिलाकर रख ले शाम को जब सूरज डूबने को हो तब लकड़ी या कोयला में आग जलाकर अंगार बना ले और चूर्ण को अंगार में डालकर घर के कोने-कोने में धुआं दे जिसे मच्छर बाहर निकल जाता है जिससे वातावरण शुद्ध होता है और मच्छर मर जाते है | ग्रामीण लोग चौक चौराहों में भी धुंआ कर सकते है जिससे मच्छर मर जायेगें और पूरे ग्रामीण लोग मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों से बच सकते हैं | सम्पर्क@9826921687
Posted on: Aug 26, 2018. Tags: ANIL RIZIVI CG DR HEALTH HINDI KORBA SONG VICTIMS REGISTER
वनांचल स्वर : औषधीय पौधा सतावर से दूध की कमी और कमजोरी को कम किया जा सकता है-
ग्राम-डभौरा, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से जगदीश यादव आज हम लोगो को एक औषधीय जड़ी सतावर के बारे में बता रहे हैं, सतावर वनों में पाई जाने वाली जड़ी है, ये उन महिलाओं के लिए जिनको बच्चा जन्म लेने के बाद शरीर में दूध नही बनता या कम बनता है और किसी भी कमजोर व्यक्ति के लिए उपयोगी है, जड़ को सुखाकर पीसकर एक चम्मच प्रतिदिन दूध और मिश्री के सांथ मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से लाभ मिल सकता है, वह वृक्ष एक लता के समान कठीला होता है, यह बारिश के दिनों में निकलता हैं, झाडियों के बीच रहता है पत्तियां, तना दोनों हरी रहती है, छोटे-छोटे फल लगते हैं जो पपीता के बीज के तरह होते हैं, अक्टूबर, नवंबर महीने के बाद ये वृक्ष सूख जाता है, यह 5 या 6 फिट का लता के सामान होता है, इसमें 2 किलो तक जड़ निकलती है, जो सफेद रंग की होती है, मीठी होती है: जगदीश यादव@697448583.