डालखाई रे डालखाई रे, आमोर कोलाहांडी बोड़े सुन्दरो...ओडिया गीत
दिलीप बेहरा सीजीनेट जन पत्रकारिता जागरूकता यात्रा के दौरान ओडिशा के कालाहांडी जिले के भवानीपटना पहुंचे हैं, जहां कालाहांडी उत्सव चल रहा है. डालखाई ,पुष्पुनी और नोवाखाई जैसे पर्व कालाहांडी में मनाए जाते हैं. इसी सन्दर्भ में साथी दिव्या कुमार एक ओडिया गीत प्रस्तुत कर रही हैं :
डालखाई रे डालखाई रे – आमोर कोलाहांडी बोड़े सुन्दरो – आमोर कोलाहांड़ी बोड़े सुन्दर हो – आमोर...
असा सागर थानू जेना खाल्के – जेला का हाल लेका सेया मोर मारे – पूजा पावती सी बरसो की थोरे – छतोर टेकी कोरी धनो रे – गाहारो रानी पाले पोरो नी – सेमाड़ेश्वरी ता डालखाई रे – डालखाई रे डालखाई रे...
आमोर नोवाखाई आरो पुस्पोनी – आमोर नोवाखाई आरो पुस्पोनी ही – आमोर नोवा...
छेर-छेरा मागी जे मागा नोनी – नोवाखाए देन नोवाखाए मा – बोवा बोड़ी मनके जोहारो हे माँ – भायेजी ताके नोनी गा – उपासो हे माँ मंगल माँ के पूजा करे माता – डालखाई रे...
आमोर डालखाई रोसोरोकेली – आमोर डालखाई रोसोरोकेली – आमोर डालखाई...
जाई फुलो जामुन डालीं मोली नि आली – भूर बो जाती घूमें ई जे मा – देहा बेले नोनिर दूल्हा नो चामा – ढगबुढो का धरे कोरे नोनी गा – कोलाहांड़ी रामे बाना उड़ा माँ ना रखे माता – डालखाई रे...
Posted on: Jan 18, 2015. Tags: Divya Kumar SONG VICTIMS REGISTER
सीरी बुढा रोंजन, सोभा पाए दोनों, बुढा दुवे तेल नदी ...ओडिया गीत
ग्राम- केसिंगा, जिला- कालाहांडी, ओड़िसा से दिव्या कुमार अपने गांव-शहर के बसाहट और उसके पास से बहनेवाली तेल नदी के सन्दर्भ में एक ओडिया गीत प्रस्तुत कर रही हैं :
सीरी बुढा रोंजन, सोभा पाए दोनों-
बुढा दुवे तेल नदी ..!
सोपादर सुरुजा, मुड़ो ने टेकिली-
दिहें तर दिएं हाँ नदी-
सीरे बूढ़ा रोंजन...
पूरो जनता पूरो हो सोरोभ पूरो हो – इ जगह ते काहें नाहीं – केसिंगा नाता, सुजोना सुपोना – इ ता मोर जनम भूईं हो – इ ता मोर जनम भूईं हो – इ ता मोर...