ये येरे जून बेर लखे डूबी गेली...गीत-
ग्राम-रवानी, तहसील-बगीचा, जिला-जसपुर (छत्तीसगढ़) से धनंजयराम एक गीत सुना रहे हैं:
ये येरे जून बेर लखे डूबी गेली-
हाडी दारु सीठा के छोडली-
पढ़ली ना लिख ली दारुक संघे बितली-
हाडी दारु सीठा के छोडली-
कतनू समझले मोके बुझ नही पालू मै-
ये येरे जून बेर लखे डूबी गेली...