गेहूं गाये खेत-खेत म और बाजरा छम-छम नाचे...कविता-
ग्राम-कृष्णा नगर, धामनी, जिला-बलरामपुर (छत्तीसगढ़) से देवसन कुमार सरुता एक कविता सुना रहे हैं :
गेहूं गाये खेत-खेत म और बाजरा छम-छम नाचे-
चना बजता घूंघूंर छन छन और मूंग चयो कविता बाचे-
लोक गीत की कड़ी-कड़ी में जीवन का सरगम-
लोक कला का जादू जैसा, कदम-कदम बंधन लगता है...