मन लागा मेरा यार फकीरी में, जो सुख पावो राम भजन में, वो सुख नाही अमीरी में...भजन-

ग्राम-बरतीकला, पोस्ट-अमगवां, ब्लाक-जवा, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से दयासागर कुशवाहा एक भजन गीत सुना रहे हैं :
मन लागा मेरा यार फकीरी में-
जो सुख पावो राम भजन में, वो सुख नाही अमीरी में-
भला बुरा सब का सुन लीजो, कर गुजरान गरीबी में-
आख़िरी ऐसन ख़ाक मिलेगा, कहाँ फिरत मगरुरी में-
कहत कबीर सुनों भाई साधो, साहिब मिले सबूरी में-
मन लागा मेरा यार फकीरी में...

Posted on: Jul 30, 2018. Tags: DAYASAGAR KUSAWAHA SONG VICTIMS REGISTER

एक पल की जिंदगानी, एक रोज सबको जाना...गीत-

ग्राम-बरेतीकला, ब्लाक, तहसील-जवा, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से दयासागर कुसवाहा एक गीत सुना रहे हैं :
एक पल की जिन्दगानी एक रोज सबको जाना-
वर्षो की तू क्यों सोचे पल नही ठिकाना-
मल-मल के तूने अपने तन को जो है निखारा-
इत्रों कि खुशबुओं से महके शरीर सारा-
तन-मन से तूने अपने तन को है जो निखारा-
काया जो सांथ होगी ये बात न भुलाना, वर्षो की तू क्यों सोचे पल नही ठिकाना...

Posted on: Jul 17, 2018. Tags: DAYASAGAR KUSWAHA HINDI HINDI SONG SONG VICTIMS REGISTER

तोरा मन दर्पण कहलाये, भले बुरे सारे कर्मो को देखे और दिखाए...भजन गीत

ग्राम-बरतीकला, पोस्ट-अन्द्वा, ब्लाक+तहसील-जवा, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से दयासागर कुशवाहा एक भजन गीत सुना रहे हैं :
तोरा मन दर्पण कहलाये तोरा मन दर्पण कहलाये-
भले बुरे सारे कर्मो को देखे और दिखाए-
तोरा मन दर्पण कहलाये तोरा मन दर्पण कहलाये-
मन ही देवता मन ही ईश्वर मन से बड़ा ना कोई-
मन उजयारा जब-जब फैले जग उन्धियारा हो-
जग से चाहे भाग ले कोई मन से भाग ना पाए...

Posted on: Jul 13, 2018. Tags: DAYASAGAR KUSWAHA SONG VICTIMS REGISTER

ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम...देश भक्ति गीत-

ग्राम-बरतीकला, पोस्ट, ब्लाक-जवा, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) दयासागर कुसवाहा एक देश भक्ति कविता सुना रहे हैं :
ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम-
नेकी पर चले और बदी से टले, ताकि हसते हुवे निकले दम-
बड़ा कमजोर है आदमी, अभी लाखो हैं इसमें कमी-
वो बुराई करे हम भलाई करें-
नही बदलेगी ओ भावना, है रोशनी में वो दम-
अमावास को कर दे पूनम, नेकी पर चले और बदी से टले, ताकि हसते हुवे निकले दम...

Posted on: Jul 12, 2018. Tags: DAYASAGAR KUSWAHA SONG VICTIMS REGISTER

मुझको ऊँची मिले हवेली, या मिल जाए राजमहल...माखनलाल चतुर्वेदी की कविता

ग्राम-बरोतीकला, तहसील-जवा, जिला-रीवा (मध्यप्रदेश) से दयासागर कुशवाह जो 9 वी कक्षा का छात्र है माखनलाल चतुर्वेदी की एक कविता सुना रहे है:
मुझको ऊँची मिले हवेली, या मिल जाए राजमहल-
छप्पर की कुटियाँ हो चाहे, पेड़ो की छाया शीतल-
मेरे घर यह नहीं बनेंगे, चाहे हों कितने सुन्दर-
मेरी माँ जिस जगह रहेगी, वहीं बनेगा मेरा घर-
मुझको ऊँची मिले हवेली, या मिल जाए राजमहल-
छप्पर की कुटियाँ हो चाहे, पेड़ो की छाया शीतल...

Posted on: Apr 15, 2018. Tags: DAYASAGAR KUSHWAHA SONG VICTIMS REGISTER

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