तितली उड़ी बस में चढ़ी...कविता-
जिला-सुकमा (छत्तीसगढ़) से दडनू मुस्ता एक कविता सुना रहे हैं :
तितली उड़ी बस में चढ़ी-
जगह नहीं मिली रोने लगी-
ड्राइवर बोला आ मेरे पास-
तितली बोली हट बदमास...
Posted on: May 10, 2019. Tags: CG KANHAIYALAL KEWAT POEM SONG SUKMA VICTIMS REGISTER
मरईगुडा गांव में मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया, आंधप्रदेश से वापस आये 27 लोगो का इलाज किया गया-
ग्राम-मरईगुडा, विकासखण्ड-कोंटा, जिला-सुकमा (छत्तीसगढ़) से भोला बघेल बता रहे हैं| वहां पर कन्नापुरम आंधप्रदेश से लोग वापस आये हैं| जो नक्सली हिंसा से पीड़ित होकर वहां चले गये थे| गांव में आज एक मेडिकल कैम्प लगाया गया है| जिसमे डॉ हिमांसु जयसवाल अपने 8 साथियों के साथ लोगो का इलाज किया| 27 लोगो का इलाज किया गया| साथ में वहां के पटवारी भी उपस्थित रहे| इस दौरान बुखार, सर्दी जुकाम की बीमारी का इलाज हुआ| कोई गंभीर बीमारी नहीं फैली सब ठीक है|
Posted on: May 05, 2019. Tags: BHOLA BAGHEL CG SONG STORY SUKMA VICTIMS REGISTER
पहले की तुलना में गांव में शिक्षा की स्थिती बदली है, अब लोग बच्चो को स्कूल में प्रवेश दिलाते हैं...
ग्राम-एर्राबोर, जिला-सुकमा (छत्तीसगढ़) से जालंधर सिंह निहाल बता रहे हैं| वे छात्रावास अधिक्षक हैं, और 2007 से कार्यरत हैं| उनके गांव में जून 2016 से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार आया है| लोग अपने बच्चो को पढ़ने के लिये| ज्यादा स्कूल में प्रवेश दिला रहे हैं| जिसमे बालिकायें अधिक हैं| गांव में 12 वी कक्षा तक स्कूल है| बच्चो के रहने के लिये क्षत्रावास की सुविधा है| पहले की स्थिती में अब काफी सुधार हुआ है |
Posted on: May 05, 2019. Tags: BHOLA BAGHEL CG SONG STORY SUKMA VICTIMS REGISTER
ऊपर पंखा चलता है, नीचे बाबा सोता है...बाल कविता-
ग्राम पंचायत-एर्राबोर, विकासखण्ड-कोंटा, जिला-सुकमा (छत्तीसगढ़) से कन्हैयालाल केवट बच्चो से कविता सुना रहे हैं:
ऊपर पंखा चलता है, नीचे बाबा सोता है-
सोते-सोते भूख लगी खाओ बेटा मूंगफली-
मूंगफली ए दाना नई, हम तुमारे मामा नई-
मामा गये दिल्ली, दिल्ली से लाये संतरा-
संतरा बहोत खट्टा, मामा के छोटा पट्टा...
Posted on: May 04, 2019. Tags: CG KANHAIYALAL KEWAT POEM SONG SUKMA VICTIMS REGISTER
भगवान राम सबरी नदी के तट पर आराम किये थे इसलिए हमारे गाँव का नाम रामराम पड़ा...कहानी-
ग्राम पंचायत-रामाराम, ब्लाक और जिला-सुकमा (छत्तीसगढ़) से दयाराम निषाद सीजीनेट जन पत्रकारिता जागरूकता यात्रा के मोहन यादव को उनके गाँव रामाराम के नाम की कहानी बता रहे हैं, वे बता रहे हैं कि जब भगवान श्री राम को वनवास हुआ था, उस समय वे दंडक वन से निकल रहे थे, तब वे सबरी नदी के तट पर सबरी माता के पास पहुंचे, सबरी माता ने सोचा मै इन्हें क्या खिलाऊं और कुछ ना मिलने पर बैर तोड़कर राम जी को खिलाया, जिसे राम जी ने खाया और थोडा आराम किया, इस कारण से उस गाँव का नाम रामराम पड़ा, सबरी चाहती थी कि राम को मीठे बेर ही खिलाएं इसलिए उन्होंने पहले उस बेर को चखा और झूठे बेर ही उनको खिलाए थे | मोहन यादव@9425648073.