मै तो गड्ढा खोदन चाली रे, मोर कम्मर दुखे माई...रोज़गार गारंटी गीत
ग्राम-सेल्हा, तहसील-मझगवां, जिला-सतना, मध्यप्रदेश से बिसनिया रावत रोजगार गारंटी से सम्बंधित एक गीत प्रस्तुत कर रही हैं:
मै तो गड्ढा खोदन चाली रे, मोर कम्मर दुखे माई-
आकाल पड़ो री माई, हा भारी बिपदा आयी-
मै तो गड्ढा खोदन चली रे...
रोजगार गारंटी खुली योजना, सबके मन को भाई-
मै तो हरबर-हरबर चली रे, मोर कम्मर दुखे माई-
मै तो गड्ढा खोदन चाली रे...
आठ बजे से चली काम को, चार बजे घर आयी-
बाबूजी ने भरी हाजरी, आधी देई भुलाई-
मै तो जान-जान लुटाई रे, मोर कम्मर दुखे माई-
मै तो गड्ढा खोदन चाली रे...
आ जाओ मोरे भाई, मिलजुल कर सबको समझायी-
संगठन से होई भलाई रे, मोर कम्मर दुखे माई-
मै तो गड्ढा खोदन चली रे...