Sons throw father out and he is also not getting old age pension from 3 years
Bhagwat Pal in Chitrakoot district of Uttar Pradesh is talking to an old farmer Devideen Ji who tells him that he has 20 bigha unirrigated land but his sons have taken them over and does not help him and his old age pension also has got stopped from last 3 years. He has mad rounds of officials but no one helps. He used to get this pension before but that got stopped 3 years ago. Bhagwat Ji requests all of us to intervene in the case to help Devideen Ji. For more Bhagwat Ji can be reached at 09794736775
Posted on: Feb 05, 2013. Tags: Bhagwat Pal
ऐसी ख्याति है बजर किसान की, खबर नहीं अपने जान की...एक गीत
ऐसी ख्याति है बजर किसान की,
खबर नहीं अपने जान की !
ऐसे निकले सर से पसीना ,
जैसे लागे जेठ महिना
एड़ी तक चुए पसीना !!
घास कूड़े में सुध नहीं इन्सान की ,
खबर नहीं अपने जान की !!
सूखी रोटी में जिंदगी किसान की ,
खबर नहीं अपने जान की !
ऐसी ख्याति है बजर किसान की,
खबर नहीं अपने जान की !
ए सब माया का है झटका ,
इसको सदगुरु ने धर पटका !
ए तो बनाई भागवत पाल की !
इसे खबर नहीं अपने जान की
ऐसी ख्याति है बजर किसान की,
खबर नहीं अपने जान की !...2
Posted on: Feb 03, 2013. Tags: Bhagwat Pal
मैं नदी सूख रही हूँ , घुट घुट के जी रही हूँ ...एक कविता
मैं नदी सूख रही हूँ ,
घुट घुट के जी रही हूँ ....2
वर्षा का पानी खेतों पर ,
बहा बहा के लाती थी !
और उनको मैं पानी का टैंक बनाती थी ...
कचड़ा वर्षों का बहा बहा ,
मै समुद्र में ले जाती थी !!
लाख करोडो जीवों को,
मैं स्नान कराती थी !!
बांध कर मैं बांध मजबूर हो रही हूँ ....
मैं नदी सुख रही हूँ,
घुट घुट के जी रही हूँ ...2
लाख करोडो पेंड पौधे,
जो मेरे किनारों में थे !
अरबों के हुए नष्ट वो भी ,
जो मेरे सहारों में थे !
मुझे काट कर खेत बनाये ,
मेरा स्वरुप बदले!
मैंने इनका क्या बिगाड़ा ,
जो मुझ पर रही नजरें !
मैं नदी सूख रही हूँ,
घुट घुट के जी रही हूँ
हर दिन की जरुरत पर मैं ,
पानी देती उनको !
पता नहीं की किस जन्म का बदला चुकाए मुझसे ,
मुझे नस्ट कर क्या पायें,
क्या कहूँ मैं इनसे !!