मै किसान बनूँगा, हल चलाकर अन्न उगाकर, सबका पेट भरूँगा...
अनीता मरकाम ग्राम मारगांव, डिंडोरी, मध्य प्रदेश द्वारा प्रस्तुत एक गीत –
मै किसान बनूँगा
हल चलाकर अन्न उगाकर
सबका पेट भरूँगा
मीठे ताजे फल उगाकर
सबको पुष्ट करूंगा
मै किसान बनूँगा
जन्म लिया है जिस पर
हमें वो धरती माँ है प्यारी
नादानों की नासमझी से
उसे हो गयी बीमारी
माँ बीमार तो बच्चा
उसका कैसे स्वास्थ्य रहेगा
जैविक कृषि विज्ञान से उसका
सारा कष्ट हरूँगा
मै किसान बनूँगा
धरती माँ की यह कृपा है
यह प्यारी गौ माता
खेती और किसानी से है
अटूट उसका नाता
दूध में अमृत को कर सोना
मूत्र है रोग भगाता
मै किसान बनूँगा
मै किसान बनूँगा...