3 साल से राशन कार्ड नहीं बन रहा, सब बाज़ार से खरीदना पड़ रहा, बहुत दिक्कत हो रही...
आवासपारा, पंचायत-कुकदुर, तहसील-पंडरिया, जिला-कबीरधाम (छत्तीसगढ़) से अंजू यादव बता रहे हैं कि उनके शादी हुए तीन साल हो चुके तीन लोगों का परिवार है आज तक राशन कार्ड नही बना है जिससे उन्हें अपने आर्थिक जीवन गुजारने में बहुत परेशानी हो रही है वे लगभग दो साल से लगातार सरपंच,सचिव को आवेदन कर रहे हैं पर अब तक कोई लाभ नही हुआ है तो ये साथी सीजीनेट सुनने वाले साथियों से मदद की मांग कर रहे हैं कि दिए गये सम्बंधित अधिकरियों के नम्बर पर अधिक करें ताकि इन परिवार का राशन कार्ड बने और राशन मिले: सरपंच@9630019712. मिथलेश मानिकपुरी@8964973228.
Posted on: Apr 23, 2018. Tags: ANJU YADAV
हाथ जोड़ी करीले निहोरा भैया मंदिर आहिके...शिव चर्चा गीत -
ग्राम-दहेज़वार, जिला-बलरामपुर, (छत्तीसगढ़) से अंजू यादव शिव चर्चा का एक गीत सुना रही हैं:
हाथ जोड़ी करीले निहोरा भैया मंदिर आहिके-
हाथ जोड़ी करीले निहोरा भैया घर-घर जाहिके-
ये भैया शिव के गुरु बतावत शिवा चर्चा में आई के-
माता पिता के सेवा करी,माता पिता के सेवा करी-
दींन दुखी पर दया करी,दींन दुखी पर दया करी-
गुरु के मन्य है भैया शीश जुकाई के-
ये भैया शिव के गुरु बतावत शिवा.....
Posted on: Jan 15, 2018. Tags: Anju Yadav
सभी भक्तों ने फूल बरसाया...भजन
अंजू कुमारी यादव ग्राम-गुरगुदा, जिला-रीवा मध्यप्रदेश से एक भजन सुना रही है:
सभी भक्तों ने फूल बरसाया-
मेरे प्रभु जी को आनंद आया-
लोग पूछन लगे कौन माता है तुम-
राधा का रूप बताया-
सभी भक्तों ने फूल बरसाया...
Posted on: Jul 21, 2016. Tags: Anju Yadav
काटों की राहों में चलना सम्हल-सम्हल के...विदाई गीत
ग्राम-दहजवार, पंचायत-सरनाडीह, जिला-बलरामपुर, छत्तीसगढ़ से कुमारी अंजू यादव एक विदाई गीत प्रस्तुत कर रही हैं:
काटों की राहों में चलना सम्हल-सम्हल के-
कदम थके ना शीष झुके ना सांस रुके ना-
दीप बुझे ना दीप बुझे ना-
काटों की राहों में चलना सम्हल-सम्हल के-
जब कर्म से दूर जाना हमें याद रखना-
मिले सफलता यही मंजिल है यही आपका नाम-
काटों की राहों में चलना सम्हल-सम्हल के...
Posted on: Jan 09, 2016. Tags: KUMARI ANJU YADAV
उचो पहाड़ो मेरो गाँव की नदी आयी रेत मारे...गोंडी गीत
ग्राम आलमपुर जिला बैतूल मध्यप्रदेश से अंजू यादव ने गोंडी में गीत गाया है जब नंदी में बाढ़ आती है और पहाड़ी उपर में घर बना कर रहते है उस समय यह गीत गाया जाता है
उचो पहाड़ो मेरो गाँव की नदी आयी रेत मारे ।
लाहर लाहर मेरी बिदिया का लाहर ।
बिदिया जय जय कार नंदी आयी रेत मारे ।
जय जय कार नंदी आयी रेत मारे ।
लाहर लाहर मेरे कंगन लाहर ।
कंगन जय जय हे कार नंदी आयी रेत मारे ।
लाहर लाहर मेरी साडी लाहर ।
साडी जय जय हे कार नंदी आयी रेत मारे ।
उसो पहड़ मेरो गाँव नंदी आयी रेत मारे ।
लाहर लाहर मेरी पायल लाहर ।
पायल जय जय हे कार नंदी आयी रेत मारे ।