देखो कोयल काली है पर मीठी है इसकी बोली...कविता-
ग्राम-केकेट्टा, पोस्ट-जोगा, थाना-उचारी रोड, जिला-पलामू (झारखण्ड) से अखिलेस कुसवाहा एक कविता सुना रहे हैं :
देखो कोयल काली है पर मीठी है इसकी बोली-
इसने ही तो कूक कूक कर आमो में मिश्री घोली-
कोयल कोयल सच बतलाना क्या संदेसा लायी हो-
बहोत दिनों के बाद आज फिर इस डाली पर आयी हो-
क्या गाती हो किसे बुलाती बतला दो कोयल रानी-
प्यासी धरती देख मांगती हो क्या मेघ से पानी...
Posted on: Nov 01, 2019. Tags: AKHILESH KUSWAHA JHARKHAND PALAMU POEM
इतय इतय चारो ओर, क्योटी क्योटी करे सीहोर...कविता-
ग्राम-रेवटी, जिला-बलरामपुर (छत्तीसगढ़) से अखिलेश कुसवाहा एक कविता सुना रहे हैं:
इतय इतय चारो ओर, क्योटी क्योटी करे सीहोर-
जहां तहां खटकत पास है-
भाजल सो चाहा गावर ग्वालनी के कछू-
डरने डराने से उठाने रोम गात है...
Posted on: Jul 20, 2019. Tags: AKHILESH KUSWAHA BALRAMPUR CG POEM
अपना प्रदेश देखो कितना विशेष देखो...कविता-
ग्राम-रेवटी, तहसील-प्रतापपुर, जिला-सूरजपुर (छत्तीसगढ़) से अखिलेश कुसवाहा एक कविता सुना रहे हैं :
अपना प्रदेश देखो कितना विशेष देखो-
आओ आओ घूमो यहाँ, खुशियों से झूमो यहाँ-
रायपुर की क्या कहानी, अपनी है राजधानी-
ऊँचे-ऊँचे हैं माकान यहाँ की निराली शान-
कोरबा की बिजली हम सब को मिली-
देवभोग का है मान, हीरे की जहाँ खदान...
Posted on: Jul 19, 2019. Tags: AKHILESH KUSWAHA CG POEM SURAJPUR
हम मेहनत कर जीवन की हर मुश्किल को पार कर सकते हैं...कहानी-
ग्राम-केरकेटा, पोस्ट-जोगा, थाना-उदारी रोड, जिला-पलामू (झारखण्ड) से अखिलेश कुसवाहा एक प्रेरणादायक कहानी सुना रहे हैं : एक बार एक कौआ को जोर की प्यास लगी, तब आकाश में उड़ते-उड़ते उसे नीचे एक घड़ा दिखाई दिया जिसमे थोड़ा सा पानी था, जो बहोत नीचे था, लेकिन उसे अपनी प्यास बुझानी थी, फिर उसने एक तरकीब सोचा और घड़े में एक के बाद एक कंकड़ डालने शुरू किये जिससे पानी ऊपर आ गया, कौवे ने अपनी की प्यास बुझाई और आगे बढ़ चला, इससे सीख मिलती है, हम मेहनत कर जीवन की हर मुश्किल को पार कर सकते हैं |
Posted on: Jul 28, 2018. Tags: AKHILESH KUSWAHA STORY
खाना देते हैं लेकिन खाने के बाद मिठाई नही देते...कहानी-
ग्राम-करकेटा, पोस्ट-जोगा, थाना-उटारी रोड, जिला-पलामू (झारखण्ड) से अखिलेश कुशवाहा एक कहानी सुना रहे हैं, एक बुढ़िया थी जिसके चार बेटे थे, चारो बेटे अपनी माँ खाना देते हैं लेकिन खाने के बाद मिठाई नही देते थे, तो उसने एक दिन सबको कहा जब वे मर जाएगी तो चारो तरफ रसगुल्ला रख देना, उसके बाद वह एक दिन मरने का नाटक करने लगी, तब उसके बेटो ने उसके कहे अनुसार चरो तरफ रसगुल्ले रख दिए और अर्थी उठा कर ले जाने से पहले बेले राम नाम सत्य है, तो बुढ़िया बोली रसगुल्ला बड़ा मस्त है|