सन्यासी और चोर की कहानी...
हैदरपुर, जिला-आजमगढ़ (उत्तर प्रदेश) से सोनू गुप्ता एक कहानी सुना रहे हैं:
एक गाँव में एक संन्यासी रहता था। उनके रहने से गाँव में बहुत शांति और खुशहाली थी | गांव वालों ने उन्हें एक गाय दे रखा था, ताकि वे उसका दूध पीकर जीवन जी सके। एक दिन एक चोर ने उनकी गाय चुराने की सोची और रात के समय चोरी करने निकल पड़ा, रास्ते में उसके पीछे एक युवक चला आ रहा था, जो असल में एक भूत था | चोर ने युवक (भूत) से बोला तुम कहाँ जा रहे हो। युवक (भूत) ने बोला मै संन्यासी को मारने जा रहा हूँ। युवक (भूत) ने बोला तुम कहाँ जा रहे हो ? चोर ने बोला मै संन्यासी का गाय चुराने जा रहा हूँ।दोनों वहां से संन्यासी के पास पहुँचे| चोर ने युवक से बोला पहले मै गाय ले जा रहा हूँ फिर तुम संन्यासी को मार देना। भूत ने सोचा ये चोरी करके ले जाएगा तो गाँव वाले देख लेंगे, तो हमारा काम नही बनेगा| ऐसे करते-करते दोनों के बीच झगडा हो गया और चोर ने कहा ओ संन्यास देख तुझे कोई मारने आया है। युवक (भूत) ने कहा ओ संन्यासी देख कोई तेरी गाय चोरी करने आया है | इतने में गाँव वाले जाग गये और दोनो की ठीक से मरम्मत करके भगा दिए |