ग्रामीण इलाकों में सरकारी रोजगार कार्यक्रमों का औचित्य...
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले ज्यादातर गरीब लोग लोग अकुशल, दिहाड़ी,शारीरिक मजदूरी से मिलने वाली मजदूरी पर आश्रित रहते है| वे अकसर न्यूनतम साधनों से अपना गुजारा करते हैं और गहन गरीबी की निरंतल आशंका में जीते हैं| श्रम की अपर्याप्त मांग तथा प्राकृतिक आपदा अथवा बीमारी जैसे अनपेक्षित संकट,ये सभी उनके रोजगार अवसरों पर बहुत बुरा असर डालते हैं | विकसित और विकासशील देशों में गरीबी और बेरोजगारी से निपटने के लिए ऐसे रोजगार कार्यक्रम बहुत लंबे से काफी महत्वपूर्ण रहे हैं | इन कार्यक्रमों में सिचाई,वृक्षारोपण,जल संरक्षण एवं सड़क निर्माण जैसी सार्वजनिक परियोजनाओं में सीमित अवधि के लिए अकुशल शारीरिक श्रम मुहैया कराया जाता हैं |