ऐ दुनिया के महिला दीदी...८ मार्च पर एक बालिका की कविता
ऐ दुनिया के महिला दीदी, तुम खूब लगाओ नारा
८ मार्च शपथ का दिन है हम सब का,
लहरा दो लाल रंग का झंडा
सन् १८५७ में अँग्रेजो का राज चलाता था
न्यूयार्क के कपड़ा मिलों में महिलाओं का शोषण होता था
आग लगी अचानक, न्यूयार्क के कपड़ा मिलों में, हज़ारों जलाकर शहीद हुए
ए दुनिया के महिला दीदी, ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए न्यूयार्क में, उनकी याद करो कुर्बानी
१२ घंटे काम करने पर भी पेट नहीं भर पाता था
रोज ही शोषण के साथ शारीरिक शोषण भी होता था
यूरीन जाने भी नहीं मिलता, बाहर से गेट बंद होता था
आग लगी अचानक, न्यूयार्क के कपड़ा मिलों में, हज़ारों जलाकर शहीद हुए
ये आजादी झूठी है, भारत की महिला भूखी है
१२ घंटे काम करती है ९० रूपए रोजी पाती है
ए दुनिया के महिला दीदी, तुम खूब लड़ो लड़ाई
शासको को उखाड फेकेंगे, चलो रास्ते कुरबानी
श्रुति वर्मा