रचे-रचे रे मनचल राजा ब्याह सियानिया...मंडला से विवाह गीत
लेखराम यादव, जिला-मंडला, मध्यप्रदेश से एक साधु गीत (विवाह गीत) सुना रहे हैं:
रचे-रचे रे मनचल राजा ब्याह सियानिया-
वो तो बम्हना कहे मोरे बिन भवर न परे-
मोरे तेतु चले आगे राम जब तो बेटी भवर परे-
वो तो बढई कहे मोरे बिन भवर न परे-
मोरे खंभ चले आगे राम जब तो बेटी भवर पड़े-
वो तो मेहर कहे मोरे बिन भवर न परे-
मोरे कंगन चले आगे राम जब तो बेटी भवर परे-
वो तो कुम्हरा कहे मोरे बिन भवर न परे-
मोरे कलश चले आगे राम तब तो बेटी भवर परे-
रचे-रचे रे मनचल राजा ब्याह सियानिया...