सुख दुःख को मुंडई झरना लेनो हैं समुद्र दौड़ा रे...उड़िया कविता
जिला-बलांगीर (उड़ीसा) से सत्य बंसोर उड़िया भाषा में एक कविता सुना रहे हैं | जिसका शीर्षक है रक्त बिंदु :
सुख दुःख को मुंडई झरना लेनो हैं समुद्र दौड़ा रे-
जा सोत्ते नोई अभिरत जारिरो सरकार अटकय वकु-
अटा वर्ष सैला कुरुशी छड गंत्र किदेह पर समापनो-
कम्पनी माने विबो लोह-लोह रे टाटी बस च-
सोसिना बाको तबु पानी जाको-
देशरा विकास रा ढोल बाजी ची-
दलाल व् सार्त बाजिन पेडा लागी ची-
यत शीघ्र लोके अवे यत यत-