एई प्रीथिबीर पन्थोशालाय केहो आसे केहो जाए...बांग्ला गीत
ग्राम-जवाहरनगर, पंचायत-सुर्रा, जिला-बलरामपुर, छत्तीसगढ़ से प्रहलाद बांग्ला भाषा में एक गीत प्रस्तुत कर रहे हैं. गीत के माध्यम से यह बताया जा रहा है कि पृथ्वी पर जितने भी जीव हैं सबको एक दिन समाप्त होना है:
एई प्रीथिबीर पन्थोशालाय केहो आसे केहो जाए-
कान्ना हंसी बोल ना मिलाय निकट नीरवतार-
हाय हाय केहो आसे केहो जाए...