बोल सके तो मीठा बोलो, कटु बोलना मत सीखो...गीत
ग्राम-गाढ़ा, तहसील-जवा, जिला-रीवा (मप्र) से अनुज प्रजापति एक गीत गा रहे हैं:
बोल सको तो मीठा बोलो, कटु बोलना मत सीखो-
बता सको तो राह बताओ, पथ भटकाना मत सीखो-
जला सको तो दीप जलाओ, हृदय जलाना मत सीखो-
कमा सको तो पुण्य कमाओ, पाप कमाना मत सीखो-
लगा सको तो बाग लगाओ, आग जलाना मत सीखो-
छोड़ सको तो सब छोड़ो, चरित्र छोड़ना मत सीखो-
पा सको तो प्यार पाओ, तिरस्कार पाना मत सीखो-
रख सको तो विद्या रखो, बुराई रखना मत सीखो-
पोंछ सको तो आसूं पोंछो, दिल को दुखाना मत सीखो-
हंसा सको तो सबको हँसाना, किसी पर हँसाना मत सीखो-
दे सको तो दया-दान दो, ईमान बेचना मत सीखो-
खिल सको तो फूलों की तरह, कांटों में चुभना मत सीखो-
उठा सको तो पर्वत की तरह, दल-दल में गिरना मत सीखो-
कठिन समय में धैर्य से काम लों, उसे गवाना मत सीखो-
ला सको तो अच्छाई लाओ, बुराई को लाना मत सीखो...