री री लोयो रेला रेला रे रे लोयो रे रे ला...भोजन बनाते समय का गीत
सीजीनेट जनपत्रकारिता जागरूकता यात्रा के दौरान ग्राम धनेसरा तहसील-नरहरपूर, जिला-कांकेर (छत्तीसगढ़)से श्रुति वड्डे को गाँव की महिलाएं सरला, पूजा आदि छत्तीसगढ़ी में एक गीत सुना रहे हैं, गीत को खाना बनाते समय गया जाता है:
रि रि लोयो रेला रेला रे रे लोयो रे रे ला रे रे लोयो रेला रे रे ला रेला-
जान छांडे गोन नोनी झहन छांड गोन वो-
रायझुमाझुम झप्प ले डूमर दारा घप ले-
तोर गोरी मुंगन होती मुंगन मारी दमकी रॉय-
फुश्फुषा बैठे रहय लायोर भाई सपते राय मरयोर मरझोनी-
रि रि लोयो रेला रेला...
रोतिर छाडे गोब नाही रोतिर छाडे गोब वो रायझुमा झूम झप लो डूमर-
डरा हाप लो तोर गोरी मुगन होती मुगन होती मुगन मारी डामाकी रोय-
फुसफुसा बैठे रहय छरका भाई सयते रहय भरमोर मर्झोनी-
रि रि लोयो रेला रेला...