मुँह सी के अब जी ना पाऊँगी, जरा सबसे ये कह दो...
बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से निर्मला साहूजी महिला सशक्तिकरण पर एक कविता प्रस्तुत कर रही हैं:
मुँह सी के अब जी ना पाऊँगी-
जरा सबसे ये कह दो-
बाबा कहें, बिटिया पढ़ने न जाना-
अपना मैं ज्ञान बढ़ाउंगी-
जरा सबसे ये कह दो...
अम्मा कहें, बिटिया शीष झुकाना-
सिर को मैं ऊँचा उठाउंगी-
जरा सबसे ये कह दो-
भाई कहे, बहना चौखट न लांघना-
अब ना गुलामी सह पाऊँगी-
जरा सबसे ये कह दो-
दुनियां कहे, मुनियाँ मन की ना करना-
अपने मैं सपने सजाऊँगी-
जरा सबसे ये कह दो-
मुँह सी के अब जी न पाऊँगी-
जरा सब से ये कह दो !